भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पार जारी तनाव को ध्यान में रखते हुए तीनों सेनाएं अपनी रक्षा क्षमता में इजाफा करने में जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लड़ाकू जेट (Fighter Planes) बेड़े को अधिक मजबूत मिली है, क्योंकि दो सेकेंड हैंड मिराज 2000 लड़ाकू विमान (Mirage 2000 fighter aircraft ) फ्रांस (France) से ग्वालियर एयरबेस (Gwalior airbase) पर पहुंचे हैं. सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और अब सीमा पर गश्ती बढ़ाने की जरूरत है. ऐसे में इन जहाजों के जरिए वायुसेना को खासा मदद मिलने वाली है.
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘भारतीय वायुसेना को फ्रांस से दो मिराज 2000 ट्रेनर वर्जन वाले विमान मिले हैं. दोनों विमान अपनी वायुसेना के साथ उड़ान भर रहे थे और हाल ही में ग्वालियर एयरबेस पर पहुंचे.’ सूत्रों ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) में चल रहे मिराज अपग्रेड प्रोग्राम (Mirage upgrade programme) के तहत विमान को अब नवीनतम मानकों पर अपग्रेड किया जाएगा. मिराज लड़ाकू बेड़े में लगभग 50 विमानों की संख्या बनाने के कार्यक्रम के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा इन दो विमानों का बेड़े में शामिल किया गया.
विमानों की क्षमता को बढ़ाने के लिए हुई मिराज अपग्रेड डील
वायुसेना ने विभिन्न बैचों में लगभग 51 मिराज को शामिल किया था और वे तीन स्क्वाड्रन बनाते हैं, जो सभी ग्वालियर वायु सेना स्टेशन में स्थित हैं. सूत्रों ने कहा कि फ्रांस और भारतीय पक्षों के बीच मिराज अपग्रेड डील 51 विमानों की क्षमता बढ़ाने के लिए थी और इनमें से कुछ किट इन विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण बची हैं. सूत्रों ने कहा कि इन दो फ्रांसीसी वायुसेना के विमानों पर एक ही किट लगाई जा सकती है और उन्हें लड़ाकू अभियानों के लिए उपयुक्त बनाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पुराने फ्रांसीसी विमानों के रूप में मिराज के लिए पुर्जों को खोजने में बहुत चालाकी से निवेश किया है और इससे वायुसेना को 2035 तक उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी.
मिराज ने कारगिल युद्ध और बालाकोट एयरस्ट्राइक में निभाई प्रमुख भूमिका
मिराज 1980 के दशक से सेवा में हैं और कारगिल युद्ध (Kargil war) से लेकर 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot airstrikes) तक वायुसेना की ताकत का मुख्य आधार रहे हैं. मिराज की मदद से पाकिस्तान (Pakistan) में जैश ए मोहम्मद (Jaish e Mohammed) के आतंकवादी शिविर पर बमबारी की गई थी. मिराज ने कारगिल युद्ध में टाइगर हिलटॉप पर पाकिस्तानी सेना के शिविरों और बंकरों को भी सफलतापूर्वक तबाह किया और लेजर-गाइडेड बमों का इस्तेमाल करके इतनी ऊंचाई पर दुश्मन के शिविरों को सफलतापूर्वक मारकर युद्ध की दिशा को बदल दिया.