त्रिपुरा की घटना के बाद महाराष्ट्र में हुई हिंसा और फिर उसके विरोध में अमरावती बंद के दौरान हुई हिंंसा को लेकर अमरावती में चार दिनों का कर्फ्यू लगाया गया है. अमरावती शहर को छोड़ कर पूरे जिले में आज (16 नवंबर, मंगलवार) चौथे दिन भी कर्फ्यू कायम है. तीन दिनों के लिए बंद की गई इंटरनेट सेवा और 24 घंटों के लिए बंद रखी गई है. इस तरह आज इंटरनेट सेवा फिर से बहाल होने की संभावना है.
इधर अमरावती में हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहरा कर अरेस्ट किए गए पूर्व कृषि मंत्री और बीजेपी नेता अनिल बोंडे (Anil Bonde) सहित सभी बीजेपी नेताओं की जमानत मंजूर हो गई है. कल सुबह अमरावती पुलिस ने अनिल बोंडे सहित बीजेपी प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, मेयर चेतन गावंडे, बीजेपी जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, संगठन के नेता तुषार भारतीय जैसे 12 नेताओं को अरेस्ट किया था.
बीजेपी नेता किरीट सोमैया के अमरावती दौरे पर प्रतिबंध लगाया गया
बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया आज अमरावती के दौरे पर आने वाले थे. लेकिन उनके अमरावती दौरे पर प्रतिबंध लगाया गया है. किरीट सोमैया ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है. किरीट सोमैया ने ट्वीट में कहा है कि, ‘अब ठाकरे सरकार ने मेरे अमरावती दौरे पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. मुझे अमरावती के लोगों से मिलना है.’ किरीट सोमैया ने अपने ट्वीट के साथ पुलिस आयुक्त द्वारा भेजे गए पत्र को भी संलग्न किया है.
शुक्रवार को त्रिपुरा घटना के बाद महाराष्ट्र में हुई हिंसा के खिलाफ अमरावती बंद में भी हुई थी हिंसा
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के बाद त्रिपुरा में इसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच सोशल मीडिया में यह अफवाह फैलाई गई कि वहां मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है. इसके बाद मस्जिद के सही सलामत होने का फोटो भी जारी किया गया. बीजेपी का आरोप है कि इसके बावजूद रज़ा अकादमी ने मुस्लिमों के बीच पेंपलेट्स बांटे और यह प्रचारित किया कि कौम का सफाया किया जा रहा है. इसके बाद 12 नवंबर को अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हजारों की तादाद में मोर्चा निकाला. इस दरम्यान कई दुकानों में तोड़फोड़, कुछ लोगों के साथ मारपीट और पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. पुलिस पर भी हमले हुए. कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए.
इन घटनाओं के विरोध में बीजेपी ने 13 नवंबर को अमरावती बंद का आह्वान किया. इस बंद के दौरान भी हिंसक घटनाएं हुईं. पत्थरबाजी हुई, दुकानों में तोड़फोड़ हुई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी के फव्वारे छोड़े और लाठीचार्ज किया.