सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात से आरडीएएम विधायक जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे। भाकपा नेता कन्हैया कुमार जल्द कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। कन्हैया कुमार के जरिए पार्टी युवाओं का दिल जीतने के साथ-साथ बिहार की राजनीति को भी साधने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के सामने कमजोर संगठन बड़ी चुनौती है और माना जा रहा है कन्हैया कुमार जैसे युवाओ को जोड़कर पार्टी अपने संगठन को धार दे सकती है।
कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने की बारे में जब भाकपा महासचिव डी राजा से पूछा गया तो उन्होंने मीडिया से कहा कि ‘मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वह इस महीने की शुरुआत में हमारी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे। कन्हैया कुमार के एक करीबी के मुताबिक जेएनयू के पूर्व छात्र भाकपा में घुटन महसूस कर रहे थे और इसलिए उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की और कांग्रेस में उनके शामिल होने पर चर्चा हुई। राहुल गांधी के कार्यालय के एक सूत्र नेबताया, “वह एक अच्छे इंसान हैं। बहुत अच्छा होगा यदि वे पार्टी में आते हैं। ”
वहीं कांग्रेस में कुछ लोगों को कन्हैया कुमार को उन्हें पार्टी में लाने पर इसलिए ऐतराज है क्योंकि उन्हें 2016 में आतंकवादी अपराधी अफजल गुरु की फांसी के बाद कथित तौर पर “आजादी” के नारे लगाने और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पार्टी के भीतर कुछ लोगों को डर है कि भाजपा के साथ राष्ट्रवादी टैग जुड़ा हुआ है, और कांग्रेस बैकफुट पर है। ऐसे में कन्हैया को शामिल करने से यह कहानी फिर से शुरू हो सकती है।