अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) और आद्या तिवारी (Aadya Tiwari) ने अपनी जान को खतरा बताया है. वकील ने आनंद गिरि की जान को खतरा होने का दावा किया है. उन्हें सीजेएम कोर्ट में एक अर्जी लगाकर आनंद गिरि और आद्या तिवारी को विशेष सुरक्षा देने की मांग की है. आनंद गिरि और आद्या तिवारी के वकील ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सीजेएम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके मुवक्किलों को जब अदालत में पेश किया गया था, तब उनके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की और दुर्व्यवहार किया गया था. ऐसे में आशंका है कि जेल के अंदर या जेल से कोर्ट लाते समय उनपर जानलेवा हमला हो सकता है.
उनके वकील ने मांग की है कि कोर्ट प्रयागराज के एसएसपी और सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट को आदेश दे कि आनंद गिरि और आद्या तिवारी को जेल के अंदर और जेल से कोर्ट लाते समय विशेष सुरक्षा दी जाए.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर को हुई थी. पुलिस के मुताबिक, उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दी थी. मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने परेशान होने की बात कही थी. सुसाइड नोट के आधार पर अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके बेटा संदीप तिवारी शामिल है.