राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, दिल्ली सरकार, राजस्थान सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी कर किसान आंदोलन (Farmers Protest) की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को शिकायत मिली है कि सिंघु बॉर्डर के आस पास छोटी-बड़ी 9 हज़ार फैक्ट्रियां है और फैक्ट्री मालिकों को काफी दिक्कतें हो रही है क्योंकि उनके रॉ मेटेरियल के ट्रक उनके फैक्ट्री तक नहीं पहुंच पा रहा है.
प्रमुख हाईवे पर किसान आंदोलन की वजह से बंद है और गांव के अंदर के संकरे रास्ते खराब हो गए है जिसके कारण ट्रकों की आवाजाही में मुश्किलें आ रही हैं. परेशानी केवल यही नहीं है, परेशानी यह भी है कि सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिससे ट्रक ड्राइवर को अब इन सड़कों पर गाड़ी चलाना मुश्किल हो गया है.
जाम के कारण लोगों को हो रही परेशानी
सिंघु गांव के लोगों का मानना है कि पिछले 9 महीने से उनके गांव के सड़कों पर गाड़ियां इसी तरह दौड़ रही हैं क्योंकि प्रमुख हाईवे पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. सड़कों पर गड्ढों में गाड़िया फंस जाती हैं उन्हें भी इस जाम में फंसना पड़ता है.
कोंडली इंडस्ट्रियल एरिया के फैक्ट्री मालिक भी आंदोलन के चलते परेशान हैं क्योंकि रॉ मेटीरियल उनकी फैक्ट्री तक नहीं पहुंच पा रहा है. उन्हें अपनी फैक्ट्री तक पहुंचने में 2-3 घंटे लग जाते हैं वहीं फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर भी समय पर फैक्ट्री नहीं पहुंच पाते है. लिहाजा, अब ये केवल दुआ कर रहे हैं कि किसान आंदोलन खत्म हो जाये.