मौत के बाद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के शरीर पर पाकिस्तानी झंडा लपेटे जाने और राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के मामले में महबूबा मुफ्ती का बयान आया है। पीडीपी मुखिया महबूबा ने भारत को लोकतांत्रिक देश बताते हुए गिलानी के परिवार का बचाव किया है। इस मामले में महबूबा मुफ्ती ने पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गिलानी के शरीर के साथ किया गया व्यवहार अनावश्यक था। कोई जीवित व्यक्ति से लड़ सकता है, लेकिन मृत शरीर को उदासीन उपचार नहीं मिलना चाहिए। श्रीनगर में महबूबा ने कहा कि वीडियो और समाचार से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर के लोग काफी निराश हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को परिवार की इच्छा के मुताबिक गिलानी का अंतिम संस्कार करने की इजाजत देनी चाहिए थी।
महबूबा ने कहा कि उनका भी गिलानी से मतभेद था, लेकिन शव के प्रति उदासीन व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था। हमने जो देखा वह मानवता के खिलाफ था। सभी की अंतिम इच्छा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी बंदूक के बल पर किसी भी नेता से प्यार या नफरत करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।
उधर, श्रीनगर के डाउनटाउन क्षेत्र और हैदरपोरा इलाके में आंशिक प्रतिबंध हैं, इसी इलाके में गिलानी को दफनाया गया था। शरारती तत्वों द्वारा अफवाहें फैलाए जाने की सूचना मिली थी। इसलिए पुलिस ने एहतियात के तौर पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा घाटी में सभी जगह हालात पहले की तरह सामान्य हैं। साथ ही आईजीपी कश्मीर के अनुसार देर शाम तक मोबाइल इंटरनेट बहाल होने की संभावना है।