भारतीय शटलर प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में कमाल का प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन सिंगल्स एसएल-3 का गोल्ड मेडल जीत लिया. इस तरह भारत को इन खेलों में चौथा गोल्ड मेडल मिला. इसी इवेंट में भारत के ही मनोज सरकार (Manoj Sarkar) ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 17 हो गई है जो उसका अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
दुनिया के नंबर-1 पैरा-शटलर प्रमोद भगत ने फाइनल में ब्रिटेन के डैनियन बेथेल को सीधे गेमों में 21-14, 21-17 से मात दी. उन्होंने इससे पहले केवल 36 मिनट तक चले सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजीहारा पर 21-11, 21-16 से जीत हासिल की थी.
ओडिशा के 33 वर्षीय भगत ने पहले गेम में बढ़त बनाते हुए 21-14 से इसे जीता. इसके बाद दूसरे गेम में कड़ी टक्कर देखने को मिली. बेथेल ने देखते ही देखते 5-1 की बढ़त बना ली थी जिसे उन्होंने 11-4 किया. इसके बाद भगत ने लगातार 6 अंक लेते हुए स्कोर 10-12 किया. बाद में भगत ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए स्कोर 15-15 से बराबर किया और फिर बढ़त को 19-17 कर दिया. फिर लगातार 2 अंक लेते हुए 21-17 से दूसरा गेम जीतकर गोल्ड मेडल मैच अपने नाम कर लिया.
भगत को 5 साल की उम्र में पोलियो हो गया था. उनकी गिनती आज के विश्व के सर्वश्रेष्ठ पैरा-शटलरों में की जाती है. उन्होंने अभी तक 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं, जिसमें चार विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक और 2018 एशियाई पैरा खेलों में एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक शामिल हैं.