500 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने असम के कोचर जिले में एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने टीएमसी का हाथ पकड़ लिया है। इसमें बताया जा रहा कांग्रेस की महिला इकाई अध्यक्ष रहीं सुष्मिता देव ने सेंधमारी का काम किया है। उन्होने कहा टीएमसी में शामिल होने के नेताओं से मजबूत आईटी सेटअप तैयार करेंगे। जिससे भाजपा को कड़ा जवाब दिया जा सके। इसके बाद उन्होंने सभी को टीएमसी के झंडे देकर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा है कि भाजपा के झूठ को बेनकाब कर करार जवाब देना है।
दिखे तीखे तेवर
कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल होने वाली सुष्मिता देव के तेवर काफी तीखे नजर आ रहे हैं। पार्टी ने उन्हें असम में अपना चेहरा बनाया है वहीं सुष्मिता असम के सिलचर से कांग्रेस सांसद रह चुकी हैं। यहां उनके पिता संतोष मोहन देव की काफी मजबूत पकड़ थी। सुष्मिता ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन तैयार कर चुनाव लड़ा था। मगर पार्टी भाजपा को फिर से सत्ता में आने से नहीं रोक सकी। उस समय सुष्मिता कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष भी थीं। उन्होने पार्टी से जुड़े व्हाट्सएप्प ग्रुप को भी छोड़ दिया। उसी समय से उनके कांग्रेस छोड़ने के बारे में उम्मीद लगाई जा रही थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की पत्नी ने भी टीएमसी का थामा दामन
रविवार को कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा ने भी सत्ताधारी टीएमसी में फिर से शामिल हो गई। इस बार मित्रा ने दावा किया कि उन्होने 2014 में टीएमसी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, मगर ऑफिसियल तौर से कभी पार्टी नहीं छोड़ी थी।
फिर से शुरू हुई राजनीति
उन्होने बताया कि मेरे पति को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। मगर मैंने एक्टिव राजनीति से अवकाश ले लिया था। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गर्मजोशी और सादगी से प्रभावित हूं, जिन्होने मुझसे संपर्क कर टीएमसी के लिये काम करने का अनुरोध भी किया। मैंने निर्णय किया कि यदि मैं सक्रिय राजनीति में फिर से आती हूं, तो वो उनके अधीन होगा।