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आतंक के पनाहगाह को अमेरिकी हथियार बेच रहा तालिबान, पाकिस्तान के क्वेटा में रची जा रही ऐसी साजिश

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान की एक और साजिश भरी करतूत सामने आई है। तालिबान अरबों रुपये के अमेरिकी युद्धक साजो-सामान दूसरे देश को बेच रहा है। पाकिस्तान इन अमेरिकी हथियारों का पनाहगाह बनता जा रहा है। द मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान नेटवर्क ने अफगानिस्तान से लाखों पाउंड मूल्य के चुराए गए अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर का निर्यात कर रहा है। यह हथियार कई रास्ते पाकिस्तान पहुंच रहा है। माना जा रहा है कि आतंकियों और पाकिस्तान परस्त लोगों के हाथों में यह हथियार पहुंच रहे हैं। इन हथियारों का गलत हाथों में पड़ने से दुनिया के लिए संकट बढ़ेगा। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की आईएसआई ने गुप्त रूप से अमेरिकी सैन्य वाहनों के खुले तौर पर आयात को हरी झंडी दे दी है। अमेरिकी सेना के हमवीश और अन्य बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों को अफगानिस्तान से पाकिस्तान ले जाते हुए देखा गया है।

 

एक काफिले की तस्वीरों से पता चला कि सैन्य ट्रकों को पाकिस्तान में क्वेटा में रखा जा रहा है। क्वेटा को अफगान-तालिबान नेतृत्व का मुख्यालय माना जाता था। बताया जा रहा है कि ऐसा लगता है कि तालिबान के पास अब अफगान सेना के बहुत सारे युद्धक साजो-सामान हो गए हैं, जिसे अमेरिकियों ने दिया था। आतंकी साजिशोें और पैसों के लिए इन्हीं सबको अब तालिबान निर्यात कर रहा है। पाकिस्तान में फ्रंटियर सिटी क्वेटा, कंधार से तीन घंटे की दूरी पर है। क्वेटा आतंकवादी समूहों और नशीली दवाओं विशेष रूप से हेरोइन के व्यापार के लिए एक आश्रय स्थल है। पाकिस्तान के क्वेटा में तालिबानी पहले भी पनाह लेते रहे हैं।

तालिबान को खाड़ी के दानदाताओं का अधिकांश पैसा क्वेटा के माध्यम से सप्लाई होता रहा है। घायल तालिबान लड़ाकों को इलाज के लिए यहीं लाया जाता रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान को क्वेटा से आपूर्ति होती रही है। द मिरर ने बताया है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में अरबों पाउंड के हथियार और उपकरण छोड़कर गया है, जिसका अधिकांश हिस्सा अब तालिबान के हाथों में है। तालिबान इसे अब पाकिस्तान को बेच रहा है। ज्ञात हो तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से दुनिया की नजर अफगानिस्तान पर है। ऐसे में तालिबान द्वारा पाकिस्तान को अमेरिकी हथियार सप्लाई करना भारत समेत दूसरे पड़ोसी देशों के लिए भी अच्छे संकेत नहीं है। इन हथियारों से भारत के लिए भी संकट हो सकता है।