कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मथुरा में उल्लास छाने लगा है। वृंदावन में जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बार लॉकडाउन की बंदिशें न होने से ब्रज के लाला के जन्मोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह दोगुना है। नंदगाव में जन्मोत्सव की तैयारियां हो रही हैं।
नंदीश्वर पहाड़ी पर स्थित नंदबाबा मंदिर में पूर्णिमा से श्रीकृष्ण जन्म की बधाइयों का दौर शुरू हो गया। पूर्णिमा की रात्रि से नंदभवन में बधाई गायन कर जन्मोत्सव का श्रीगणेश किया गया। इसके बाद सामूहिक रूप से ‘बोलो री नाहिंन की बिटिया नगर बुलावौ देय एवं आज बधायौ ब्रजराज कें रानी जायौ मोहन पूत’ आदि पदों का गायन हुआ।
वहीं कृष्ण जन्म की बधाई गायन का क्रम नंदभवन में लगातार जारी है। समाज गायन का यह क्रम कृष्ण पक्ष नवमी तक चलेगा। पूर्णिमा से द्वितीया तक रात में 8 से साढ़े नौ बजे तक समाज गायन होगा। द्वितीया से दोपहर में 12 बजे तथा रात में साढ़े आठ बजे से दो बार समाज गायन किया जाएगा। दूरदराज से नंदभवन आकर श्रद्धालु समाज गायन द्वारा कृष्णलीला का आनंद ले रहे हैं। नंदभवन के सेवायत विजेंद्र शरण गोस्वामी, विजन, रमेश गोस्वामी ने बताया कि कई बार नंदगांव में देश दुनिया से हट कर अलग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.
नंदगांव में जन्माष्टमी को लेकर विविधता खुर गिनती रीति के चलते हो जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। नंदभवन में 30 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और 31 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान नंदभवन में विभिन्न परंपरागत कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस बार मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में तीन दिन 29, 30 व 31 को श्रीकृष्णोत्सव-2021 का आयोजन होगा। बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
देवताओं में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अकेले ऐसे अवतार हैं जिनके जीवन के हर पड़ाव के अलग रंग दिखाई देते हैं। उनका बचपन लीलाओं से भरा पड़ा है। उनकी जवानी रासलीलाओं की कहानी कहती है, एक राजा और मित्र के रूप में वे भगवद् भक्त और गरीबों के दुखहर्ता बनते हैं तो युद्ध में कुशल नितिज्ञ। महाभारत में गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा का जो पाठ भगवान श्री कृष्ण ने पढ़ाया है आज भी उसका अध्ययन करने पर हर बार नये अर्थ निकल कर सामने आते हैं।