अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एयरपोर्ट के बाहर अराजक और हिंसक माहौल है और लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कई लोग देश छोड़कर बाहर जाने की कोशिश में लगे हैं. भारत ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के साथ ऐतिहासिक जुड़ाव को देखते हुए वहां के नागरिक समाज के लोगों, विचारकों, महिला कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ताओं को वीजा देने में प्राथमिकता देगा. इसके अलावा काबुल में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए सभी योजनाओं पर काम चल रहा है.
मानवीय संकट की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन, कनाडा जैसे कई देशों ने अफगान शरणार्थियों के लिए पुनर्वास योजनाओं की पहले ही घोषणा कर रखी है जबकि कई अन्य देश उन्हें अस्थायी शरण देने पर सहमत हुए हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर पहुंचाने का वादा किया है. उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों से कहा, ‘हम आपको घर पहुंचाएंगे.’