अफगानिस्तान (Afghanistan) सरकार बड़ी तेजी के साथ देश पर से अपनी सत्ता खो रही है. शनिवार को उसके हाथ से एक और बड़ा शहर निकल गया.
मजारे शरीफ पर तालिबान का कब्जा
रिपोर्ट के मुताबिक एक अफगान सांसद ने बताया कि तालिबानी आतंकियों ने शनिवार को बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार ए शरीफ पर हमला बोला. जिसके बाद यह शहर भी आतंकियों के कब्जे में चला गया. अफगानिस्तान (Afghanistan) में जैसे-जैसे तालिबान (Taliban) आतंकी आगे बढ़ते जा रहे हैं. वैसे-वैसे लोगों में घबराहट बढ़ती जा रही है. लोग अपना सब कुछ छोड़कर देश छोड़कर भाग रहे हैं.
लोगों की इस भगदड़ की वजह से अफगानिस्तान (Afghanistan) में एकमात्र बचे काबुल (Kabul) अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर भीड़ बहुत बढ़ गई है. लोग अपने कीमती सीमान और करीबी परिजनों को साथ लेकर हवाई अड्डे पर पहुंच रहे हैं. जिन भाग्यशाली लोगों को देश से कहीं भी बाहर जाने के विमान का टिकट मिल गया है. वे अपनी उड़ान का इंतजार करने के दौरान प्रियजनों से लिपटकर रोते हुए विदा ले रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़
बहुत सारे लोग कालीन, टेलीविजन सेट, यादगार वस्तुओं और कपड़ों को लेकर पहुंच रहे हैं. हालांकि प्लेन में इन सामानों को ले जाने की छूट नहीं है. जिसके चलते उन्हें अपना यह सामान वहीं छोड़कर जाना पड़ रहा है. नाटो के साथ उप-ठेकेदार के तौर पर काम करने वाले नावीद अजीमी भी अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ इस्तांबुल के लिए रवाना हुए. अजीमी ने कहा, ‘इस युद्ध से दूर अपना नया जीवन शुरू करने के लिए जो भी जरूरी सामान में एकत्र कर सकता था, उसे ले जा रहा हूं.’ अजीमी को डर है कि नाटो से जुड़कर काम करने के चलते तालिबान (Taliban) उनकी हत्या कर देगा.
सब कुछ छोड़कर भाग रहे लोग एक अफगान कारोबारी फरीद अहमद यूनुसी ने कहा, ‘मैंने हवाईअड्डे पर इससे पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी.’ उन्होंने कहा कि वह कंधार में अपनी करीब दस लाख डॉलर की कंपनी छोड़कर भाग आए हैं क्योंकि तालिबान उनकी तलाश कर रहा था. यूनुसी ने कहा, ‘पूरी मेहनत से पिछले 20 सालों में जिन चीजों को मैंने जुटाया, वो सब कुछ अब तालिबान का है.’ हवाईअड्डा कर्मचारियों ने बताया कि अफगान एयरलाइन एरियाना और कैम एयर की उड़ानों में कम से कम अगले सप्ताह तक सभी सीटें बुक हैं. जिन लोगों को टिकट मिल गई है, उन्हें कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही उड़ान में सवार होने दिया जा रहा है.