योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। किराएदार और मकान मालिक के बीच चलने वाले विवाद को खत्म करने की तैयारी है। किरायेदार-मकान मकाल के बीच विवादों को हल करने के लिए बनाए गए कानून को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू हो गई है। गोरखपुर में जल्द ही एडीएम स्तर का रेंट कंट्रोल अफसर (आरसीओ) की तैनाती होने जा रही है। आरसीओ की तैनाती के बाद सभी तरह के किराएदारी के विवाद इसी कार्यालय से सुलझाए जाएंगे। ज्ञात हो कि किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवादों के लिए इस कानून की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। गोरखपुर में ही इस तरह के 2000 से ज्यादा मामले में कोर्ट में हैं। ऐसे विवादों में कभी-कभी मारपीट और यहां तक तक की खून-खराबे तक की स्थिति आ जाती है। जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इस व्यवस्था से किराएदारी के विवाद आसानी से सुलझ जाएंगे और भविष्य में विवाद होने की आशंका भी कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके जल्द ही नोडल अफसर नामित हो जाएंगे।
60 दिन में हो जाएगा निस्तारण
किराएदारी विवाद संबंधी मामलों का निस्तारण 60 दिनों में किया जाएगा। इस कानून से न तो किराएदार मकान पर जबरिया कब्जा कर सकेंगे और न ही मकान मालिक एग्रीमेंट के खिलाफ मनमाने तरीके से किराएदार को अचानक से निकाल सकेंगे। एग्रीमेंट के मुताबिक किराएदार को तय समय पर मकान मालिक के कहने पर प्रापर्टी को खाली करना होगा और मकान मालिक को प्रापर्टी को खाली कराने से पहले नोटिस देना होगा। बताया जा रहा है कि यह कानून दोनों के अनुसार होगा। प्रदेश में नगरीय परिसर किरायेदारी विनयमन (द्वितीय) अध्यादेश-2021 लागू होने के बाद गोरखपुर में इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। इस कानून में किराएदार और मकान मालिक का दायित्व तय किया गया है।
किराएदार और मकान मालिक के बीच किराएदारी को लेकर जो समझौता या एग्रीमेंट होगा उसे आरसीओ कार्यालय में पंजीकृत कराना होगा। कोई भी पक्ष समझौते का उल्लघंन नहीं करेगा। उल्लंघन होने की स्थिति में उसे आरसीओ कार्यालय में चुनौती दी जा सकेगी। समझौते का उल्लंघन करने वाले पक्ष को आरसीओ नोटिस जारी करेगा और तय समय के अंदर विवार को निस्तारित कराएगा।