गंगा और यमुना के किनारे वालों शहरों, बस्तियों में बाढ़ का संकट बढ़ता ही जा रहा है। पूर्वांचल में गहराये बाढ़ संकट के बाद वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर शहर पहुंच चुके हैं। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरा। हेलीपैड पर मुख्यमंत्री का स्वागत कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी सहित जिले के आला अधिकारियों ने किया। मुख्यमंत्री का काफिला विश्वविद्यालय से सीधे राजघाट के लिए रवाना हुआ। मुख्यमंत्री एनडीआरएफ की बोट से गंगा और वरुणा में मौजूदा बाढ़ की स्थिति का जायजा लिये। मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से मिलने जेपी मेहता नगर निगम इंटर कॉलेज पहुंचे। काॅलेज में बाढ़ पीड़ितों से हालचाल लेने के साथ ही उन्हें राहत सामाग्री का वितरण किये। मुख्यमंत्री बाढ़ के बाद होने वाली संक्रामक बीमारियों के संक्रमण की रोकथाम के लिए फागिंग मशीनों का उद्घाटन करेंगे।
सर्किट हॉउस में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों संग समीक्षा बैठक करेंगे। दोपहर तक मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थलों की ओर अधिकारियों की गाड़ियां दौड़ रही थी। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जलकल विभाग और बिजली विभाग महीनों से चली आ रही खामियों को घंटों में ही दूर करने में लगा हुआ था। सीएम के काशी आने से पहले ही कज्जाकपुरा स्थित कूड़ा घर को नगर निगम ने हरा परदा लगा कर पूरी तरह से ढंक दिया। कज्जाकपुरा तिराहे पर निर्माणाधीन फ्लाई ओवर के आसपास गड्ढे में तब्दील हो चुके सड़क को भी डामर और गिट्टी डालकर पीडब्ल्यूडी ने ठीक कर दिया। ज्ञात हो कि वाराणसी में गंगा खतरे के लेवल से एक मीटर ऊपर बह रही है।
गंगा के पलट प्रवाह के कारण वरुणा में भी बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। बृहस्तपतिवार सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान 71.26 से 1.06 मीटर अधिक है। गंगा और वरुणा के पानी से शहर से लेकर गांव तक 30 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।