80-90 के दशक में घर-घर में बजने वाले धार्मिक गानों का गायक चाहे कोई भी हो लेकिन उनकी पहचान टी-सीरिज कंपनी के निर्माता गुलशन कुमार के नाम से हुआ करती थी। पंजाबी परिवार में जन्मे गुलशन कुमार के पिता दिल्ली के दरियागंज बाजार में एक फ्रूट जूस बेचा करते थे। गुलशन कुमार जब 23 साल के थे तब उन्होंने अपने परिवार की मदद से एक दुकान ली और वहां से सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने का काम शुरू कर दिया। इसे बाद उन्होंने अपना खुद का काम करने का फैसला किया और दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली। गुलशन कुमार ने कड़ी मेहनत से कुछ साल में ही अपनी कंपनी को देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बना दिया।
आज ही के दिन हुई थी हत्या
बता दें कि गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह पूजा कर मंदिर से बाहर आ रहे थे। तभी अचानक बाइक सवारों ने उनपर ताबड़तोड़ 16 गोलियां दाग दीं। मौके पर ही गुलशन कुमार की मौत हो गई थी।उनकी हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी। आज उनकी पुण्यतिथि है।
गुलशन कुमार असल में पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने शुरुआती समय में अपने पिता चंद्र भान दुआ के साथ दिल्ली की दरियागंज मार्केट में जूस की दुकान चलाते थे। इसके बाद ये काम छोड़ उन्होंने दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली जहां वो सस्ते में गानों की कैसेट्स बेचते थे।
उन्होंने 1983 में टी-सीरिज की शुरुआत की। इसके बाद वह देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाले शख्स बने। वैष्णो देवी में उनके नाम से भंडारा चलता है। लेकिन नब्बे का दशक मायानगरी मुंबई के लिए किसी काले साये से कम नहीं रहा। उस दौर में अंडरवर्ल्ड की साख भी मजबूत हो रही थी। दाऊद इब्राहिम और उसके राइट हैंड माने जाने वाले अबू सलेम का दबदबा था।
1993 में बम धमाके से मुंबई दहल गई थी। जबकि 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई। जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनके शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया। वह गोलियां यूं ही नहीं बरसी थीं।
गुलशन कुमार हर रोज उस मंदिर में आरती करते थे। उस दिन सुबह ठीक 10: 40 पर उन्होंने मंदिर में पूजा समाप्त की और जैसे ही अपनी गाड़ी की तरफ बढ़े, लंबे बालों वाला एक अज्ञात व्यक्ति उनके पास आकर खड़ा हो गया और उसने चिल्लाकर कहा- बहुत पूजा कर ली अब ऊपर जाकर पूजा करना। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस बात को बोलते ही उस आदमी ने गुलशन कुमार को गोली मार दी। गोली सीधे उनके सिर पर लगी।
इसके बाद वहीं मौजूद और 2 अज्ञात लोगों ने उन पर करीब 16 बुलेट की फायरिंग कर दी और उनके शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया। हत्या के आरोप में अब्दुल रऊफ को गिरफ्तार किया गया, हालांकि तब उनकी हत्या के लिए संगीत निर्देशक नदीम को भी जिम्मेदार माना जा रहा था। साल 2001 में रऊफ ने अपना गुनाह कबूल लिया और अप्रैल 2002 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इस बीच रऊफ जेल से फरार हो गया और वह बांग्लादेश भाग गया।
गुलशन कुमार की हत्या के बाद उनका पूरा परिवार बुरी तरह बिखर चुका था और सारी जिम्मेदारी बेटे भूषण कुमार पर आ गई। भूषण ने बखूबी पिता के मेहनत से खड़े किए हुए कारोबार को संभाला और आज टी-सीरीज भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में से एक है।
बता दें कि गुलशन के नाम से वैष्णो देवी में भंडारा भी कराया जाता है। इतना ही नहीं बेटे भूषण ने वैष्णो देवी मंदिर में ही बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या खोसला से शादी की थी। गुलशन कुमार की एक बेटी तुलसी कुमार प्लेबैक सिंगर और दूसरी बेटी खुशाली कुमार मॉडल और डिजाइनर हैं।