उत्तर प्रदेश सरकार गांवों में जल के साथ जीविका भी पहुंचाने की कोशिश में लगी है. हर घर नल योजना के जरिये ग्रामीण इलाकों में बड़ा रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है. जानकारी के अनुसार जलापूर्ति व्यवस्था के संचालन के लिए प्रदेश भर में 30 हजार से ज्यादा संविदा सहायक भर्ती किए जाएंगे. यही नहीं मेनटेनेंस की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनियां हर जिले में 400 से 500 स्थानीय युवाओं की भर्ती करेंगी. इस योजना से युवाओं को अपने गांव और कस्बे में ही फिटर, प्लंबर, मकैनिक और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिलेगी. बुंदेलखंड के 7 जिलों में ही 2500 से ज्यादा लोगों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों पर सरकार रोजगार देने जा रही है।
केंद्र सरकार के सहयोग वाली हर घर नल योजना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांअ के रख-रखाव और पेयजल आपूर्ति के संचालन के लिए फिटर, प्लंबर, मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड रखे जाएंगे. राज्य पेय जल स्वच्छता मिशन के अधिकारियों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में हर 4 से 5 किलोमीटर पर ओवरहेड वाटर टैंक बनाए जाएंगे, जिससे आसपास के गांवों में जलापूर्ति की जाएगी.
जलापूर्ति की ज्यादातर व्यवस्था सेंसर आधारित आटोमोड होगी, लेकिन सप्लाई सिस्टम की देखभाल और मरम्मत में रोजगार मिलेगा. 10 वर्षों तक जलापूर्ति व्यवस्था और ट्रीटमेंट प्लांट के देखभाल की जिम्मेदारी निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों के हाथ होगी. राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक कंपनियां स्थानीय लोगों को भर्ती कर इसका संचालन करेंगी.
राज्य पेयजल स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेश अखंड प्रताप सिंह के मुताबिक हम बुंदेलखंड के 7 जिलों में ही इस योजना के जरिये 2500 से ज्यादा लोगों को रोजगार से सीधे जोड़ने जा रहे हैं. फिटर, प्लंबर, मकैनिक और सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर हर जिले में औसतन 400 से 500 लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. योजना के आगे बढ़ने के साथ रोजगार का यह औसत पूरे प्रदेश में होगा. प्रदेश भर में 30 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा.
अप्रत्यक्ष तौर पर और श्रमिकों के लिए करोड़ों की संख्या में रोजगार सृजन हो रहा है. केवल बुंदेलखंड में यह आंकड़ा 3 करोड़ से ज्यादा है जबकि सोनभद्र और मिर्जापुर में 1.33 करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन हो रहा है.