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बेहद सख्त हो जनसंख्या नियंत्रण कानून, ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों से छिने आरक्षण, आयोग को मिले ये सुझाव

  • एमपी व एमएलए चुनाव पर लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून
  • श्रेणियों में बांटकर उन पर मंथन कर रहा राज्य विधि आयोग
  • राज्य विधि आयोग को मिले हैं 8500 सुझाव, 300 लोग असहमत
  • 8200 लोगों ने सुझावों में पहले ही लागू करने देने की कही बात
  • दो बच्चे ही पैदा करने वाले मुस्लिम परिवार को कराई जाए मुफ्त हज यात्रा
  • एक बच्चा ही पैदा करने वाले सभी परिवारों को मिले अतिरिक्त लाभ
  • दो बच्चों के बजाए तीन बच्चों पर लागू हो कानून
  • दो बेटियां होने पर मिले तीसरे बच्चे की छूट
  • दो में से एक बच्चे के दिव्यांग होने पर मिले तीसरे बच्चे की छूट

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की मंशा और प्रदेश वासियों की चाहत फलीभूत होती दिख रही है। प्रदेशवासी और विभिन्न संगठन चाहते हैं कि यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानने बेहत सख्त हो। जनसख्ंया नियंत्रण के कानून का दायरा और बड़ा किया जाए। इस बात के गवाह राज्य विधि आयोग को मिले सुझाव हैं। आयोग को भेजे गए करीब 8,500 सुझावों में अधिकांश ने दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को आरक्षण से वंचित किए जाने से लेकर मताधिकार छीनने की सिफारिशें की हैं। बहुत से लोगों ने स्थानीय निकाय चुनाव (नगर निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तक) के साथ ही एमपी व एमएलए के चुनाव को भी इस कानून के दायरे में लाने की सलाह दी है। हालांकि कई सुझाव ऐसे हैं, जिन पर आयोग अपने स्तर से अमल नहीं कर सकता। इसके लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने होंगे। फिलहाल आयोग सुझावों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर उन पर मंथन कर रहा है। विधिक पहलुओं को भी गहराई से देखा जा रहा है। आयोग अगस्त माह के दूसरे सप्ताह तक उत्तर प्रदेश जनसंख्यक (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप सौंपने की तैयारी में है।

 

राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्यक (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर उस पर लोगों के सुझाव आमंत्रित किए थे। आयोग ने सुझाव देने की समय सीमा 19 जुलाई तय की थी। इस अवधि तक आयोग को करीब 8500 सुझाव मिले हैं। इनमें कई सुझाव एक जैसे भी हैं। आयोग को भेजे गए सुझावों में कई लोगों ने दो के स्थान पर अधिकतम तीन बच्चों के लिए कानून बनाए जाने की बात भी कही है। बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि इस कानून को पहले ही लागू कर दिया जाना चाहिए था। इसमें देर हो रही है।

जनसंख्या नियंत्रण के पक्ष में खड़े हुए लोगों ने कानून तोड़ने वालों को राशन तक न दिए जाने की सिफारिश तक की है। आयोग अब सभी सुझावों के व्यवहारिक, विधिक व सामाजिक पहलुओं का भी अध्ययन कर रहा है। कौन से सुझाव कितने प्रतिशत लोगों ने दिया है, इसे भी श्रेणीवार देखा जा रहा है। बताया गया कि 50 से अधिक प्रकार के सुझाव आए हैं। अलग-अलग सुझावों के साथ उनके प्रतिशत तथा उन पर आयोग की टिप्पणी की तालिका भी बनाई जा रही है ताकि उसे भी प्रारूप का हिस्सा बनाया जा सके। आयोग प्रारूप शासन को सौंपेगा, जिसके बाद राज्य सरकार निर्णय लेगी।

आठ हजार से अधिक जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चर्चाएं शुरू हैं। हालांकि सूबे की आबादी को देखते हुए इस कानून को लेकर अपने सुझाव देने वालों की संख्या बेहद सीमित रही है। आयोग को मिले करीब 8500 सुझावों में आठ हजार से अधिक ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया है। वहीं करीब 300 मेल इस कानून के विरोध में भी आए हैं।