जंगल में रहने वाला बाघ (Tiger) सबसे ज्यादा ताकतवर होता है और इसे एक खतरनाक जानवर माना जाता है. बाघ काफी आक्रामक होता है और इसके पंजे के हमले (Tiger Attack) से बचना काफी मुश्किल होता है. रिपोर्ट के अनुसार, हल साल करीब 50 से 250 लोग अपनी जान गंवा देते हैं. हालांकि कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बाघ के हमले से संघर्ष करते हैं और बच जाते हैं. द सन की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों में पिछले कुछ सालों में बाघ के हमले (Tiger Attack) की घटनाएं काफी बढ़ी हैं. साल 2018 में बाघ के हमलों में कम से कम 22 ग्रामीणों की मौत हुई. लखीमपुर खीरी में गन्ने के खेतों में बाघों के बसेरा बनाने से खतरा बढ़ा है और लगभग एक दर्जन बाघों ने लोगों को निशाना बनाया है. जून 2014 में पीलीभीत के पास एक बाघ अभयारण्य शुरू किया गया था, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया कि तब से उनके जीवन में काफी बदलाव आया है. उनका कहना है कि कुछ जगहों पर रिजर्व और आस-पास के खेतों के बीच बफर सिर्फ 30 फीट है. ज्यादातर ग्रामीण इतने गरीब हैं कि बाड़ लगाने में सक्षम नहीं हैं और इस कारण जीवन पर खतरा बढ़ गया है.
बांग्लादेश (Bangladesh) के रहने वाले हशमोट अली पर अगस्त 2016 में बाघ ने हमला किया था और इस वजह से उनका चेहरा पूरी तरह खराब हो गया. हशमोट जब जंगल में नहर के बाद अपनी नाव पर सो रहे थे, तब बाघ ने पंजे से हमला किया और एक ही झटके में चेहरे के आधे हिस्से को अलग कर दिया. हशमोट की चीख सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और बाघ भाग गया. हालांकि हशमोट को जंगल से अस्पताल ले जाने में करीब छह घंटे लग गए और इस कारण डॉक्टरों ने उनकी जान तो बचा ली, लेकिन चेहरा ठीक नहीं हो पाया.
ब्राजील के एक चिड़ियाघर में साल 2014 में 11 साल के बच्चे पर बाघ ने उस समय हमला कर दिया था, जब वह प्रतिबंधित क्षेत्र में गया था. रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे ने हमले से पहले बाघ को मारा था और मांस के टुकड़े खिलाए थे. इसके बाद बाघ ने उस पर हमला कर दिया और उसके हाथ की हड्डी काट दी. इसके बाद जू कीपर्स (Zookeepers) की मदद से बच्चे को बचाया गया और अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए हाथ का हिस्सा काटना पड़ा.
भारत के कॉर्बेट के पास बारापुर गांव में नवंबर 2015 में एक मजदूर किसान अपने जानवरों को चराने के लिए जा रहा था, तभी बाघ ने उसपर हमला कर दिया. इसके बाद शख्स अपना भाला पकड़ने में कामयाब रहा और बाघ से लड़ने की कोशिश की. 30 मिनट की लड़ाई में वह आदमी बुरी तरह घायल हो गया था और उसने अपना एक हाथ व एक पैर खो दिया. गंभीर चोट और खून से लथपथ होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी और बाघ को मार डाला. (फोटो सोर्स- आईएएनएस) ज्यूरिख चिड़ियाघर में जुलाई 2020 में एक बाघ ने पर्यटकों के सामने एक महिला जूकीपर पर हमला कर दिया और उसको गर्दन से दबोचकर मार डाला था. बाघ के हमले के बाद भयभीत दर्शकों ने अलार्म बजाया और 55 वर्षीय महिला को बचाने के लिए चिड़ियाघर के कर्मचारी आए, लेकिन उसे मचाने में असमर्थ रहे. रिपोर्ट के अनुसार, मौके पर मौजूद पर्यटकों ने बताया कि चिड़ियाघर के कर्मचारियों को मदद के लिए आने में लगभग आठ से नौ मिनट का समय लगा, तब तक बाघ ने महिला को गर्दन से दबोच लिया था.