बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही नहीं विदेशों में रह रहे भारतीयों को भी अब उत्तर प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियां रास आने लगी हैं. इसके चलते ही विदेशों में रह रहे 50 से अधिक अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) ने उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने की पहल ही है. इनमें से 32 अप्रवासी भारतीय नोएडा-ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज में करीब 1045 करोड़ रुपये का निवेश करने को लेकर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं. इन एनआरआई ने कृषि, हेल्थ आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, सौर ऊर्जा सहित 15 सेक्टर में निवेश करने में रूचि दिखाई है. जल्दी ही यह अप्रवासी भारतीय अपना उद्यम राज्य में स्थापित करने की शुरुआत करेंगे. ऐसी उम्मीद राज्य के अधिकारियों ने जताई है.
वेबसाइट पर आया अच्छा रिस्पॉन्स
प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जिससे देश-विदेश के इन्वेस्टर्स और एनआरआई यूपी को पसंद करने लगे हैं. बीते दो सालों में अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्सुकता दिखाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते साल लांच किए गए वेबसाइट के बाद से इन मामले में तेजी आ गई है. सीएम ने जो वेबसाइट लॉन्च की थी, उसपर 500 से ज्यादा एनआरआई ने निवेश करने को लेकर पड़ताल की.
कई देशों के NRI करना चाहते हैं निवेश
अब इच्छुक एनआरआई के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए हर स्तर पर कोशिशें शुरू हो गई हैं. इसी क्रम में 540 अप्रवासी भारतीयों को एनआरआई कार्ड जारी किए गए हैं. यह प्रदेश सरकार की सक्रियता का ही नतीजा है कि अमेरिका, यूएई, ओमान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, घाना, न्यूजीलैंड, रूस, इंग्लैंड आदि 18 देशों में रह रहे 32 अप्रवासी भारतीयों ने प्रदेश में निवेश करने के लिए अपने प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं. अधिकारियों के अनुसार अमेरिका के 4, यूएई के 9 और ओमान, सिंगापुर और इंग्लैंड में रह रहे 2-2 भारतीयों में यूपी में निवेश करने संबंधी अपने प्रस्ताव शासन को भेजे हैं. विदेशों में रह रहे जिन भारतीयों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की पहल ही है, उनमें 13 ऐसे हैं जिनका विदेश में उद्यम है और अब उसका विस्तार वह यूपी में करना चाहते हैं. जबकि विदेशों में बड़ी कंपनियों में जिम्मेदार पदों पर काम कर रहे 19 भारतीय अब अपना उद्यम स्थापित करने के लिए यूपी का रूख कर रहे हैं.