हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रूद्राक्ष पहनने के कई फायदे होते है। रूद्राक्ष अनेक मुखों वाले और कुछ विशिष्ट प्रकार के होते हैं। उन्हीं विशिष्ट रूद्राक्षों में से एक है गर्भ गौरी रूद्राक्ष। इसे गणेश गौरी रूद्राक्ष भी कहते है। इसमें दो रूद्राक्ष आपस में जुड़े हुए होते हैं, जिनमें एक बड़ा और एक छोटा होता है बड़ा रूद्राक्ष माता पार्वती और छोटा रूद्राक्ष उनके पुत्र गणेश का प्रतीक है।
रूद्राक्ष के लाभ:
यह रुद्राक्ष उन दंपतियों के लिए चमत्कार है जिन्हें अब तक संतान सुख नहीं मिला है। इस रूद्राक्ष को नि:संतान स्त्री धारण करे तो वह जल्द ही माता बन सकती है। साथ ही इसे धारण करने से गर्भवती स्त्री की प्रसूति भी आसान होती है।
गर्भ गौरी रुद्राक्ष को गले में धारण करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मन खुश रहता है। गर्भाधान में देरी या कोई समस्या आ रही है तो गर्भ गौरी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इस रूद्राक्ष को धारण करने से गर्भपात का खतरा नहीं रहता। उसकी प्रसूति भी आराम से हो जाती है।