बलरामपुर: हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी ना किसी का संघर्ष और उसकी मेहनत शामिल होती हैं। इसी तरह से बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुई आरती तिवारी के चाचा श्याम मनोहर तिवारी जो को भाजपा के पुराने कार्यकर्ता है। इनका संघर्ष और मेहनत का ही नतीजा है कि इन्होंने 21 साल की साल की उम्र में अपनी भतीजी आरती तिवारी को इतने बड़े ओहदे तक पहुंचाया।
पुराने कार्यकर्ता है श्याम मनोहर तिवारी :-
भाजपा के पुराने कार्यकर्ता श्याम मनोहर तिवारी ने अपनी भतीजी की जीत के बाद देर रात बात करते हुए बताया कि अपने क्षेत्र के लोगो के लिए हर तरह से हम मदद के लिए खड़े रहते हैं। इसलिए क्षेत्र में हमारे परिवार की प्रासंगिकता थी।
हमने जिले के लिए पेश किया उदाहरण :-
श्याम मनोहर तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नारा है, ‘बेटी बढाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ और चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट महिला आरक्षित थी इसलिए आरती को आगे लाया गया। जिससे और भी बेटियां इन्हें देख कर शिक्षा ले और आगे बढ़े। यह जिले के लिए एक उदाहरण जैसा है। इनसे अनेक को प्रेरणा मिलेगी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सपना हुआ साकार :-
उन्होंने बातचीत के दौरान आगे कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का वो सपना साकार हो रहा है, जो उन्होंने कभी देखा था कि पंक्ति के अंतिम व्यक्ति हर सुविधा मिले लाभ मिले। ऐसा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में ही सम्भव है।
ऐसा भी भाजपा में ही संभव :-
उन्होंने पार्टी की तारीफ करते हुए कहा कि हमने सिर्फ आवेदन किया था कोई पॉवर नही था। कोई पैसा नही था। पार्टी की नीतियों और पार्टी का योगदान ही है कि पिछड़े क्षेत्र की ये बेटी जिला पंचायत अध्यक्ष बन रही है।
अब हैं नए इरादे :-
भतीजी के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद वह कहते है कि हम प्राथमिकता के तौर पर अपने यहां की सड़कों को सही करवाएंगे। यहां की बेटियों के इलाज और पढ़ाई की सुविधा नहीं है। उसे भी विकसित करने का काम करेंगे। बेटी को राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचने का इरादा है इसलिए उसे लगातार आगे बढ़ाना है, जिससे जिले की अन्य युवा व बेटियां भी प्रेरणा ले सकें।