जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में अफीम से बनी दवा बेचने के मामले में राज्य प्रशासन को तेही करोड़ डॉलर का मुआवजा देने के लिए राजी हो गई है। साथ ही कंपनी ने अमेरिका में अफीम से बनी दवा यानी ओपियोइड न बेचने का भरोसा दिलाया है।
ओपियोइड से मौतों के दावों पर सुनवाई से पहले अदालत के बाहर किया समझौता
न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लतीशिया जेम्स ने बताया कंपनी ने अमेरिका में नशीली दवाओं का संकट बढ़ाया, लेकिन वे अब समूचे देश में ओपियोइड कारोबार छोड़ने का वादा कर रहे हैं। इस करार के तहत जेम्स द्वारा 2019 में किए गए एक मुकदमे से जॉनसन एंड जॉनसन को निजात मिल जाएगी।
8 लाख से ज्यादा अमेरिकी दो दशक में जान गंवा चुके ओपियोइड से।
मामले की सुनवाई अगले सप्ताह लांग आईलैंड में शुरू होने वाली थी। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यह केस ओपियोइड के कारण पिछले दो दशकों में हुई करीब 8 लाख लोगों की मौत के मामले से जुड़ा है।
3000 से ज्यादा ऐसे केस किए गए हैं दवा कंपनियों के खिलाफ
जॉनसन एंड जॉनसन ही की अफीम से बनी दर्द निवारक दवाओं के दुरुपयोग के मामलों से देश में नशे का जाल फैल रहा था। विभिन्न दवा कंपनियों के खिलाफ अमेरिका में 3000 से ज्यादा ऐसे केस किए गए हैं।
जूरी के सामने आने वाले अपनी तरह के पहले मामले में समुचित आपूर्ति श्रंखला निशाने पर हैं। इस श्रंखला में अफीम से बनी दवा बनाने वाले निर्माता से लेकर और फर्जी प्रिसक्रिप्शन फॉर्म भरकर इन्हें अपात्र लोगों को बेचने वाले मेडिकल स्टोर तक शामिल हैं। लतीशिया के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन ने न केवल आग में घी डालने का काम किया।
कंपनी की बेशर्म सफाई
हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने अटॉर्नी जनरल की घोषणा के विपरीत इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हुए कहा कि यह करार दो दर्द निवारकों को लेकर है। जिसका विकास उसकी सहायक कंपनी ने किया है। कंपनी के अनुसार इन दर्द निवारकों की बाजार में मात्र 1 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और अब वे अमेरिका में नहीं बेचे जाते।