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रविवार को करें ये अचूक उपाय,बनने लगेंगे बिगड़ते हुए काम, परेशानियों से मिलेगी मुक्ति!

हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन की अलग विशेषता होती है। रविवार का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है उसे जीवन में किसी तरह की परेशानी नहीं होती और उसे हर सुख प्राप्त होता है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। धर्मशास्त्रों की मानें तो जब व्यक्ति का बनता हुआ काम भी बिगड़ने लगे और फिजूल की मुसीबतें पैर पसारने लगे तो समझ लेना चाहिए कि सूर्य कमजोर है। तो आइए जानते हैं कि किन उपायों से सूर्य की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। साथ ही रविवार के व्रत के बारे में भी जानेंगे।

हर दिन करें ये काम
नियमित रूप से प्रातः सूर्य देव को अर्घ्य (Arghya) देना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। अगर हर दिन संभव नहीं है तो रविवार के दिन सूर्य देव को जरूर अर्घ्य दें,दरअसल रविवार का दिन सूर्य देव का होता है इसलिए इस दिन प्रातः उठकर स्नान आदि कर तांबे के लोटे में जल, चावल, लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव का स्मरण करते हुए अर्घ्य दें। साथ ही नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।

सूर्य को अर्घ्य देते हुए करें इस मंत्र का जाप (Surya Dev Mantra)
ॐ सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:

रविवार व्रत का लाभ
रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है और जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से सूर्य की आराधना करता है अथवा व्रत करता है। उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। शास्त्रों की मानें तो पूरे 1 साल उपवास करने से शरीर के कष्टों से छुटकारा मिलता है। साथ ही अशुभ फल भी शुभ हो जाते हैं। इस दिन कथा सुनने से भी लाभ मिलता है और घर में खुशहाली आती है। जो व्यक्ति रविवार का व्रत करता है उसे मान-सम्मान, धन तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो उसे रविवार का व्रत अवश्य करना चाहिए।

रविवार के उपाय
रविवार के दिन तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र, गेंहू, गुड़ और लाल चंदन का दान करने से लाभ मिलता है।
बगैर स्नान किए सूर्य देव को जल अर्पित न करें।
संभव हो तो सूर्य को अर्घ्य देते हुए जल में रोली और लाल पुष्प मिलाएं।
भूलकर भी सूर्यदेव को जल देते हुए स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। हमेशा तांबे के बर्तन का ही प्रयोग करें।