बांग्लादेश बॉर्डर से भारतीय सीमा में घुसपैठ के दौरान बीएसएफ के हत्थे चढ़े चीनी जासूस ने पूछताछ में कई बड़े राज खोले जिससे जांच एजेंसियों की नींद उड़ गयी। चीनी जासूस ने बताया कि वह बीते दो वर्षों में लगभग 1300 भारतीय सिम कार्ड खरीदकर स्मगलिंग के जरिये चीन पहुंचा चुका है। चीनी जासूस हान जुनवे ने बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में बताया कि भारत से स्मगलिंग किये गये सिमों के जरिये चीन भारत के अहम एकाउंट्स को हैक करने और फाइनेंशियल फ्रॉड्स करने में करता है। बीएसएफ और चीनी एजेंसियों ने चीनी जासूस से लगभग 36 घंटे की कड़ी पूछताछ की। इसके बाद बीएसएफ ने उसे पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया। अब आगे की कानूनी कार्यवाही पश्चिम बंगाल पुलिस करेगी।
बीएसएफ के जवानों ने पकड़ा
बताया जाता है कि जासूस हान जुनवई भारत-बांग्लादेश सीमा पर मालदा जिले की सुल्तानपुर बीओपी के निकट एक चोर रास्ते से पश्चिम बंगाल से भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में था लेकिन वहां तैनात बीएसएफ के जवानों की निगाहों से नहीं बच पाया। हालांकि जवानों को देखकर उसने भागने का प्रयास भी किया लेकिन सफल नहीं हो पाया।
चीनी जासूस के खिलाफ पश्चिमी बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक इलाके की एक थाने में मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। बीएसएफ के अधिकारियों के मुताबिक चीनी जासूस हान जुनवे ने वर्ष 2019 में गुरूग्राम में अपने एक बिजनेस पार्टनर, सुन जियांग के साथ स्टार-स्प्रिंग नाम का एक बड़ा होटल खोला था लेकिन होटल की आड़ ये दोनों जासूसी का काम करते थे और भारतीयों की जेब में सेंधमारी करते थे। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये दोनों भारतीय सिम कार्ड खरीदते थे और फिर उसे अंडरग्रामेंट्स में छिपाकर चीन ले जाते थे। चीन में इन सिम-कार्ड्स का प्रयोग भारतीयों के एकाउंट्स को हैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
भारतीय एकाउंट्स को हैक करते थे
हालांकि, बीएसएफ ने इस दौरान यह नहीं बताया कि भारतीय एकाउंट्स को हैक करने का काम किस तरह से हान जुनवे और सुन जियांग करते थे और इस हैकिंग के पीछे उनका मकसद क्या है। वहीं बीएसएफ से हुई कड़ी पूछताछ में हान जुनवे ने यह भी कबूल किया है कि इन भारतीय सिम-कार्ड का इस्तेमाल फाईनेंसियल फ्रॉड के लिए भी किया जाता था। बीएसएफ ने बताया कि कुछ समय पहले सुन जियांग को यूपी पुलिस की एंटी-टेरेरिस्ट स्कॉवयड (एटीएस) ने फर्जी तरीके से सिम-कार्ड खरीदने के आरोप में अरेस्ट भी किया था। उसके साथ इस काम में उसकी पत्नी भी सह-आरोपी है। जांच एजेंसियों ने हान के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी लेकिन उससे पहले वह गैर-कानूनी तरीके से बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल होते हुए मालदा जिले के सुल्तानपुर बीओपी (बॉर्डर ऑउट पोस्ट) यानी चौकी निकट धर लिया गया।
2010 में पहली बार आया था भारत
पूछताछ में हान ने बताया कि वो साल 2010 में वह पहली बार भारत के हैदराबाद शहर में आया था। इसके बाद साल 2019 के बाद तीन बार दिल्ली-गुरूग्राम आ चुका है। चारों बार वह भारतीय बीजा लेकर बिजनेस के सिलसिले में। उसका वर्तमान पासपोर्ट चीन के हुबई प्रांत से जनवरी 2021 को जारी किया गया था। उसके पासपोर्ट पर बांग्लादेश का वीजा भी है। यही कारण है कि वो 2 जून के बांग्लादेश की राजधानी ढाका गया था। वहां अपने एक मित्र के साथ रूकने के बाद हान बांग्लादेश के छपाई नवाबगंज जिले के सोना-मस्जिद इलाके में पहुंचा। यहां वह एक होटल में रुका।
ये सामान हुए बरामद
इसके बाद बाद 10 जून की सुबह वह भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित एक नदी के किनारे से पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहा था तभी वहां पेट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ के जवानों ने उसे धर लिया। चीनी जासूस की तलाशी लेने पर उसके पास पासपोर्ट के अतिरिक्त एक एप्पल लैपटॉप, 02 आईफोन मोबाइल, 01 बांग्लादेशी सिम, 01 भारतीय सिम, 02 चाइनीस सिम, 2 पेनड्राइव, 03 बैटरी, दो स्मॉल टॉर्च, 05 मनी ट्रांजैक्शन मशीन, 02 एटीएम कार्ड, अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेशी टका और भारतीय मुद्रा बरामद हुई थी।