ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने राष्ट्रपति चुनाव परिचर्चा के दौरान उन पर निशाना साधे जाने पर बुधवार को बचाव करते हुए कहा कि उनके आलोचक सत्ता के प्रेम में सब कुछ भूल चुके हैं। मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव परिचर्चा के दौरान कट्टरपंथी उम्मीदवारों ने ईरान के 2015 के परमाणु समझौते को लेकर रूहानी की ‘उम्मीदों’ का मजाक उड़ाया था। रूहानी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में अपने आलोचकों पर निशाना साधा। वह इस दौरान काफी गुस्से में दिखे।
रूहानी के नेतृत्व में ईरान ने दुनिया के शक्तिशाली देशों के साथ 2015 में परमाणु समझौता किया था। इसके तहत ईरान को खुद पर लगे प्रतिबंधों को खत्म करने के लिए परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना था। लेकिन 2018 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इससे पीछे हटने के बाद यह समझौता अधर में लटक गया। इसके बाद पहले से ही बुरी तरह प्रभावित ईरान की अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की बिक्री रुकने, महंगाई बढ़ने और मुद्रा के कमजोर होने से और खस्ताहाल हो गई। रूहानी ने कहा कि आलोचना करने वालों को यह बताना चाहिए कि क्या वे पाबंदियों में छूट के बदले समझौते को रद्द करने का समर्थन करते।
18 जून को मतदाता करेंगे फैसला ईरान में 18 जून को चुनाव होना है। देश में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 90 लाख है। इससे पहले, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और ईरान के शीर्ष नेता अयातोल्लाह अली खमेनी के पसंदीदा इब्राहिम रईसी ने मंगलवार को कहा था कि इन दमनकारी पाबंदियों को खत्म किया जाना चाहिए। रईसी ने कहा कि उन्होंने परमाणु समझौते को वापस लिए जाने का समर्थन किया था।