राजस्थान में एक दर्दनाक, दुखद मामला सामने आया है जो पूरी मानवता को झकझोर दिया। रविवार को जालोर में एक बच्ची ने पानी न मिलने के कारण तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। पानी नहीं मिलने से बच्ची की मौत हो जाना कितना दुखद है कि 21वीं सदी में अभी कितना पीछे हैं। जिन्दगी पानी के लिए खत्म हो जा रही है। बच्ची कड़ी धूप में पैदल पैदल चलकर अपनी नानी के साथ उसके मायके जा रही थी। रास्ते में बच्ची को प्यास लगती गयी। प्यास से व्याकूल बच्ची के पास आसपास नहीं था। पानी नहीं मिलने और बढ़ती प्यास से बच्ची ने दम तोड़ दिया। पानी नहीं मिलने से बच्ची की मौत ने मानवता को झकझोर दिया है। यह मामला जालोर जिले के रानीवाड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले डुंगरी गांव का है।
रानीवाड़ा तहसील के डूंगरी गांव की निवासी बुजुर्ग महिला सुखीदेवी को सिरोही जिले के मंडार के पास अपने मायके जाना था। 6 जून रविवार को वह ठंडा मौसम देखकर अपनी 5 साल की नातिन के साथ पैदल ही मायके की ओर चल पड़ी। रास्ते में उन्होंने लम्बा सफर तय किया। करीब 10-12 किलोमीटर चलने के बाद गर्मी तेज हो गई। बच्ची को प्यास लगी लेकिन उनके नानी के पास पानी नहीं था। नानी और बच्ची दोना प्यास से परेशान हो गये। तेज गर्मी और पानी की कमी से दोनों बेहोश हो गये। तेज गर्मी और प्यास से नानी और बच्ची रास्ते में ही गिर गईं। इस दौरान प्यास से बच्ची की मौत हो गई। महिला नानी बेहोश हो गई।
काफी देर बाद एक चरवाहे ने देखा और गांव वालों को इसकी सूचना दी। महिला को पानी पिलाया गया और बाद में उसे अस्पताल भेजा गया। महिला ने बताया कि तेज गर्मी के कारण हम दोनों बेहोश होकर गिर गए थे। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था। थोड़ी देर बाद हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। इस कारण मेरी जान बच गई लेकिन मेरी मासूम नातिन की पहले ही मौत हो गई थी। रानीवाड़ा के एसडीओ प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने कहा है कि यह मामला रविवार का है। मृत बच्ची के पास उसकी नानी बेहोश मिली थी। महिला की हालत अब बेहतर है।