पीपीई किट डाले हुए एसडीएम पालमपुर धर्मेश रामोत्रा की इंटरनेट मीडिया पर वायरल फोटो के पीछे सच्चाई यह है कि वह बैजनाथ उपमंडल के पपरोला में बने कोविड केयर अस्पताल में मरीजों से मिलने पहुंचे थे। कुछ लोग इस फोटो तथा उसमें लगे एसडीएम पालमपुर के नाम को लेकर गलत ढंग से वायरल कर रहे हैं। एसडीएम पालमपुर के पास कुछ समय से बैजनाथ का कार्यभार भी है। ऐसे में जब पपरोला में कोविड अस्पताल शुरू हुआ तो उसके कुछ दिन बाद हॉस्पिटल में मरीजों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लेने के लिए खुद एसडीएम पालमपुर पीपीई किट पहनकर अन्य टीम के साथ अस्पताल के अंदर गए थे। पीपीई किट में मरीज किसी को पहचान नहीं पाते हैं। ऐसे में उनकी किट के आगे एसडीएम पालमपुर लिखा था ताकि अंदर भर्ती मरीज उनके साथ बात कर सकें। यह पहला मामला था जब कोई प्रशासनिक अधिकारी मरीजों से मिलने इस अस्पताल में पहुंचा था लेकिन इंटरनेट मीडिया में दौरे के करीब 17 दिन बाद कुछ लोगों ने इस फोटो को गलत ढंग से वायरल कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई अधिकारी अगर अच्छा काम कर रहा है तो उसकी प्रशसा होनी चाहिए।
उधर, एसडीएम धर्मेश रामोत्रा ने बताया कि उस समय लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत दहशत थी। लोग कोविड 19 से जान गंवा चुके लोगों के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहे थे। यहां तक कि संक्रमण के डर से अपने भी अपनों से नाता तोड़ रहे थे। ऐसे में लोगों का विश्वास जिंदा रखने के लिए उन्होंने पपरोला अस्पताल का पीपीई किट पहनकर दौरा किया था और मरीजों से बातचीत की थी। बकौल धर्मेश रामोत्रा, पहचाने जताने का मकसद यही था कि यदि किसी को प्रशासन से कोई शिकायत है तो वह उनसे शिकायत कर सकता था।