पाकिस्तान के किस्सा ख्वानी बाजार पेशावर में बनी राज कपूर (Raj kapoor) और दिलीप कुमार (dilip kumar) के पुश्तैनी हवेली काफी दिनों से सुर्खियों में हैं. खबर के अनुसार इन पर पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक तौर पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वाह प्रोविंशियल गवर्नमेंट ने पाकिस्तान में स्थित महान बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों की औपचारिक हिरासत लेने के लिए प्रक्रिया शुरू की है ताकि उन्हें संग्रहालयों में परिवर्तित किया जा सकें.इसके लिए मौजूदा मालिकों को इस काम के लिए 18 मई तक का समय दिया गया है.
भेजा गया नोटिस
आपको बता दें कि पेशावर के उपायुक्त खालिद महमूद ने बुधवार को ऐतिहासिक इमारतों के वर्तमान मालिकों को अंतिम नोटिस जारी किया और उन्हें 18 मई को बुलाया है. मालिक खैबर पख्तूनख्वा (केपी) सरकार द्वारा तय की गई हवेलियों की कीमतों पर अपना आरक्षण जमा कर सकते हैं. इस बारे में प्रोविंशियल गवर्नमेंट या कोर्ट हवेली की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर सकती है.
पेशावर के डिप्टी कमिश्नर खालिद मेहमूद ने बुधवार को हवेलियों के मौजूदा मालिक को आखिरी नोटिस भेजा है। साथ ही उन्हें 18 मई तक सरकार द्वारा तय की गई कीमतों के आधार पर अपना रिजर्वेशन जमा करने कहा है।
कीमतों से नाखुश हैं मालिक
इससे पहले सरकार ने राज कपूर की हवेली के लिए 6.25-मारला और दिलीप कुमार के चार-मरला घरों की खरीद के लिए 1.50 करोड़ और 80 लाख रूपए में खरीदकर उन्हें संग्रहालयों में परिवर्तित करने का प्लान बनाया था. भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उपयोग की जाने वाली क्षेत्र की पारंपरिक इकाई मारला को 272.25 वर्ग फुट या 25.2929 वर्ग मीटर के बराबर माना जाता है.
ऐसे में राज कपूर की हवेली के मालिक अली कादिर ने हवेली के लिए 20 करोड़ की मांग की थी जबकि दिलीप कुमार की हवेली के मालिक गुल रहमान मोहम्मद ने कहा था सरकार को इसे मार्केट रेट यानी करीब 3.50 करोड़ रुपए लेने की बात कही थी.
वहीं, खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉ. अब्दुल समद ने कहा कि दोनों घरों के अधिग्रहण के बाद ईद-उल-फितर के बाद बहाली का काम होगा. राज कपूर का पैतृक घर, कपूर हवेली के नाम से जाना जाता है, जो कि क़िसा ख्वानी बाज़ार में स्थित है. इसका निर्माण 1918 और 1922 के बीच प्रसिद्ध अभिनेता के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर द्वारा किया गया था. राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर इसी इमारत में पैदा हुए. ऐसे में इसको अब म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है.
जबकि दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का 100 साल पुराना पुश्तैनी घर भी उसी इलाके में स्थित है. यह घर अब जर्जर हो चुका और 2014 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार द्वारा राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया था.