म्यांमार की सेना द्वारा एक फरवरी को देश में किए तख्तापलट के बाद से अब तक कम से कम 701 लोगों को मारा जा चुका है। इसके अलावा 3.100 लोगों को हिरासत में लिया गया और विरोध प्रदर्शन के खिलाफ 650 गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए। इन कार्रवाइयों के बावजूद देश में प्रदर्शनकारी सैन्य शासन का विरोध कर रहे हैं। यह आंकड़े राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता संगठन (एएपीपी) ने जारी किए हैं। संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जिन इलाकों में सुरक्षा बलों ने नागरिकों के अधिकारों पर खुला हस्तक्षेप किया वहां के लोग सबसे ज्यादा हताहत हुए हैं। इस रिपोर्ट में आंकड़ा अपडेट किया गया है।
इसके अलावा देश की एनाडोलू एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि सेना द्वारा बागो कस्बे में शुक्रवार और शनिवार को किए गए दमन चक्र में कम से कम 82 लोग मारे गए हैं। बता दें कि सैन्य तख्तापलट के बाद से अब तक देश की नेता आंग सान सूकी समेत कई सत्तारूढ़ पदाधिकारियों को रिहा नहीं किया गया है।
ईयू ने कहा, वैश्विक कदमों को रोक रहे चीन-रूस
यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति प्रमुख जोसफ बॉरल ने कहा है कि रूस और चीन मिलकर म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कदम नहीं उठाने दे रहे हैं। उन्होंने कहा, उदाहरण के लिए म्यांमार को हथियार देने से रोकने में इन देशों ने अड़चन पैदा की है। चीन म्यांमार को दूसरा सबसे बड़ा हथियार सप्लाई करने वाला देश है और रूस दूसरा। बॉरल ने कहा, इन हालात में समाधान निकालना मुश्किल हो जाएगा।