मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रदेश में सरकारी खरीद में होने वाले करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगा दी है. उन्होंने इस मामले में गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों को न सिर्फ पीछे छोड़ा है, बल्कि देश में सबसे ज्यादा जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीदारी कर इतिहास रच दिया है. इसमें गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी गई है. जिस कारण विभागों ने चार साल में 9442 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी की है.
सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद सभी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया था. साथ ही उन्होंने जेम पोर्टल को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे. जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर सिरमौर है. दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर मध्य प्रदेश, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर छत्तीसगढ़, आठवें पर उड़ीसा, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर आंध्र प्रदेश है.
करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर लगी रोक: सहगल
इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है. साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है, जिस कारण आज पोर्टल पर 12,232 सरकारी खरीदार हैं और एक लाख 23 हजार 697 विक्रेता हैं, जिन्होंने चार साल में देश में सबसे ज्यादा 9442 करोड़ की खरीद की है.
क्या है जेम पोर्टल
जेम पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 70 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं. इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं. चूंकि सरकार की ओर से आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी.
ये है प्रमुख राज्यों की स्थिति
उत्तर प्रदेश 9442
गुजरात 4030
दिल्ली 3145
मध्य प्रदेश 3084
महाराष्ट्र 2545
बिहार 1992
छत्तीसगढ़ 1992
उड़ीसा 1261
जम्मू एंड कश्मीर 1239
आंध्र प्रदेश 1129
पंजाब 1098
चंडीगढ़ 921
कर्नाटक 843