शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्षों तक और हर 30 साल में शनि विभिन्न राशियों में घूमते हुए फिर से उसी राशि में लौटकर आते हैं जहां से उन्होंने चलना शुरू किया था। इस प्रकार से देखा जाए तो हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी शनि की दशा (Shani ki dasha) अवश्य आती है। शनि जब किसी व्यक्ति की राशि से एक राशि पीछे आ जाते हैं तब उस व्यक्ति की साढ़ेसाती (Shani ki sadhesati) शुरू हो जाती है। मगर शनिदेव से डरने की बजाय आप केवल अपने कर्मों पर ध्यान दे।
ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) के अनुसार शनि ग्रह को न्याय के साथ ही भाग्य का भी देवता कहा जाता है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो आपको शनिदेव को प्रसन्न करना बहुत आवश्यक है। शनिवार का दिन शनिदेव का दिन होता है। इस दिन उपाय (Saturday Remedies) करके न्याय और भाग्य के देवता को खुश किया जा सकता है। इनमें में से एक उपाय है शनिदेव का पसंदीदा फूल उन्हें चढ़ाना।
आक का फूल
शनिदेव को नीले रंग का फूल (Blue flower) और आक का फूल (Aak flower) बहुत पसंद है। आक के फूल को मदार का फूल भी कहा जाता है। यह भी नीले रंग का ही होता है। आप चाहें तो शनिदेव को नीले रंग के अपराजिता के फूल (Aparajita flower) भी अर्पित कर सकते हैं। शनिवार को नीले रंग के 5 फूल चढ़ाने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आक का फूल भगवान शिव को भी बहुत पसंद है। जो लोग नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन पर शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती है।
ये उपाय भी आजमाएं
- शनिवार के दिन साबुत उड़द को दान करने से भी शनि की अशुभता दूर होती है।
- सरसों के तेल का दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- तिल का दान करने से भी शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की जड़ के पास दीया जलाएं।
- शनिवार को शमी के पेड़ की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।