गत दिनों प्रदेश(Uttar Pradesh) के बस्ती जिले(Basti district) में एक छात्रा की रिपोर्ट पर कार्यवाई नहीं करना पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा पर भारी पड़ गया है। यूपी सरकार ने बस्ती जिले की इस बेटी की गुहार को सुना और पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा का तबादला कर दिया है। इस कार्यवाई से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा के स्थान पर एसपी अभिसूचना मुख्यालय पर तैनात अभिषेक श्रीवास्तव को भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में केवल मीणा ही नहीं बल्कि बस्ती कोतवाली के इंस्पेक्टर रामपाल यादव और दारोगा दीपक सिंह पर भी गाज गिरी है। इन दोंनो को भी सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हुई है।
डीजीपी मुख्यालय पर किए गए तैनात
बस्ती एसपी हेमराज मीणा को हटाकर के डीजीपी मुख्यालय में एसपी पद पर तैनात किया गया है। इसके अलावा इंस्पेक्टर रामपाल यादव पर जो आरोप लगाए गए हैं, आज सुबह उनकी जांच के लिए एक टीम गांव पहुंची है। कमिश्नर अनिल कुमार सागर, आईजी अनिल कुमार राय, डीएम सौम्या अग्रवाल और एसपी हेमराज मीणा (निवर्तमान) इन सभी की उपस्थिति में ही पोखर भिटवा गांव के लोगों के बयानों को भी दर्ज किया गया है। इन बयानों के आधार पर जांच होगी। इतना ही नहीं सीओ सिटी गिरीश सिंह से भी जांच अधिकारी पूछताछ कर सकते हैं। इस मामले में गोरखपुर एडीजी अखिल कुमार ने कहा है कि प्रमुख सचिव गृह के निर्देश पर इस जांच को कराया जा रहा है। जांच की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत कर दी जाएगी। इस मौके पर पांच थाने की फोर्स के अतिरिक्त कई क्षेत्र अधिकारी भी शामिल रहे।
क्या था पूरा मामला
ज्ञात हो कि बस्ती के पोखर भिटवा गांव की एक छात्रा ने राष्ट्रीय महिला आयोग व मुख्यमंत्री से अपनी और परिवार की रक्षा के लिए मदद मांगी थी। लड़की ने बताया था कि लॉकडाउन के दौरान वह अपने कजिन के साथ दवा लेने के लिए बाइक से निकली थी। इसी समय कोतवाली क्षेत्र के सोनूपार पुलिस चौकी इंचार्ज दीपक सिंह ने उनकी बाइक को चेकिंग करने की बात कह कर रोक लिया। छात्रा ने मास्क नहीं लगाया था, जिसके लिए उसको डांटा । दीपक सिंह ने लड़की से उसका मोबाइल नंबर भी मांगा। डर की वजह से भाई ने अपना नंबर दे दिया तो दबाव बनाकर पुलिस ने लड़की का नंबर ले लिया। इसके बाद से ही लड़की को अश्लील मैसेज भेजने लगा। छात्रा ने आरोप लगाया था कि जब लड़की ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया तो पुलिसकर्मी ने गांव में कई विपक्षियों के साथ मिलकर उनके घर के खिलाफ 8 मुकदमें दर्ज करवा दिए और उससे छेड़खानी की बात कही है। इसके विपरीत पुलिस ने बताया है कि पट्टीदारों से जमीन विवाद की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची, जहां लड़की के परिवार ने हमला कर दिया था।