म्यांमार में शांतिपूर्ण ढंग से सैन्य तख्तापलट का विरोध जता रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने कड़ी निंदा की है। उसने सेना से संयम बरतने का आह्वान किया है। विश्व निकाय ने सर्वसम्मति से दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण और हिरासत में लिए गए नेताओं को तत्काल रिहा करने की बात दोहराई। सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से म्यांमार पर एक अध्यक्षीय बयान जारी करते हुए एक फरवरी को सैन्य आपातकाल की घोषणा और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की तथा विन मिंट समेत सरकार के नेताओं को हिरासत में लेने के बाद देश में उपजे हालात पर चिंता भी जताई।
बयान के मुताबिक, सुरक्षा परिषद म्यांमार में महिलाओं, युवाओं और बच्चों समेत शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की निंदा करता है। परिषद स्वास्थ्यकर्मियों, नागरिक संस्था, मजदूर यूनियन के सदस्यों, पत्रकारों और मीडिया कर्मियों पर प्रतिबंध को लेकर बेहद चिंतित है और हिरासत में लिए गये सभी लोगों की तत्काल रिहाई की अपील करता है। परिषद ने कहा कि वह हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस बयान पर म्यांमार की सेना विचार करेगी और सभी कैदियों की रिहाई करेगी।
तख्तापलट में शामिल अधिकारी पर पाबंदी
अमेरिका ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए म्यांमार के कमांडर-इन-चीफ के परिवार के दो सदस्यों के खिलाफ पाबंदी लगाने का एलान किया है। अमेरिका ने माना कि पांच सप्ताह पूर्व म्यांमार में तख्तापलट में यह अधिकारी भी शामिल था। अमेरिकी कोषागार विभाग ने सैन्य जनरल मि ओंग आंग लाइंग की दो संतानों और उनके छह कारोबारों पर पाबंदी लगाते हुए कहा है कि अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों पर भी कार्रवाई की।
लैथल हथियारों का इस्तेमाल जारी :
एमनेस्टी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी ने कहा है कि म्यांमार सेना अपने खिलाफ प्रदर्शनों को दबाने के लिए ऐसे लेथल हथियारों का इस्तेमाल कर रही है जो युद्ध के दौरान शत्रुओं के खिलाफ किए जाते हैं। संस्था ने करीब 50 वीडियो देखने के बाद इन हथियारों के इस्तेमाल की पुष्टि की है। बता दें कि इसके बावजूद देश की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या कम नहीं हुई है। म्यांमार के सैन्य शासक ने खारिज की संयुक्त राष्ट्र की अपील, प्रदर्शनकारियों को मारा
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल के प्रयोग को बंद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील को खरिज करते हुए म्यांमार में सुरक्षा बलों ने पिछले महीने सैन्य तख्तापलट का विरोध कर रहे कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी, जिसमें 08 लोगों की मौत हो गई है। म्यांमार में एक फरवरी को हुए तख्तापलट के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में पुलिस की ओर से चली गोलियों में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मध्य म्यांमार के माएंग शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाई थी,जिसमें छह लोगों की जान चली गई। म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून और मांडले में भी एक-एक प्रदर्शनकारी के मारे जाने की खबर है।