पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में सीपीएम की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं। पार्टी ने पश्चिम बर्धवान जिले की जमुरिया सीट से आइशी घोष को चुनावी समर में उतारने का फैसला लिया है। जनवरी 2020 में जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के दौरान आइशी घोष घायल हो गई थीं। उनके अलावा कई अन्य युवाओं को सीपीएम ने चुनावी समर में उतारा है। अपनी यूथ विंग की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी को पार्टी ने नंदीग्राम सीट से चुनावी समर में उतारा है, जहां से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। बुधवार को ही सीएम ममता बनर्जी ने इस सीट पर पर्चा दाखिल किया था। बीजेपी की ओर से इस सीट पर शुभेंदु अधिकारी को उतारा गया है।
आइशी घोष पश्चिम बर्धवान जिले के ही दुर्गापुर कस्बे की रहने वाली हैं। एसएफआई की नेता आइशी घोष का चुनाव लड़ना सीपीएम की ओर से एक नया प्रयोग है। एसएफआई के राष्ट्रीय महासचिव मयूख बिस्वास ने कहा, ‘यह पहला मौका है, जब जेएनयू छात्र संघ के किसी मौजूदा अध्यक्ष को विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। हालांकि हम आइशी घोष की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि जमुरिया कोयला माफिया के लिए स्वर्ग बन गया है।’ ऐसा पहली बार है, जब बुजुर्ग नेताओं को ही मौका देने के आरोपों का सामना कर रही सीपीएम ने इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को मौका दिया है।
पार्टी ने एसएफआई के स्टेट सेक्रेटरी सृजन भट्टाचार्जी को भी हुगली जिले की सिंगूर सीट से चुनावी समर में उतारा है। यहां टीएमसी को कड़ी चुनौती मिल रही है। दरअसल 80 साल से अधिक आयु के नेता रबींद्रनाथ का पार्टी ने टिकट काट दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी जॉइन कर चुके हैं। इसके अलावा सीपीएम ने अपनी यूथ विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी को चुनावी समर में उतारा है, जो सीएम ममता बनर्जी को टक्कर देंगी। बंगाल लेफ्ट फ्रंट के चेयरमैन और दिग्गज सीपीएम नेता बिमान बोस ने ज्यादातर उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। पार्टी की ओर से उन्होंने आखिरी के 6 राउंड के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया है।