लखनऊ। हाथरस गैंगरेप मर्डर मामला अब धीरे-धीरे अंजाम की ओर पहुंच रहा है। मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप तय हो गए हैं। अब कोर्ट में हाथरस गैंगरेप मर्डर मामले में 2 मार्च से सुनवाई शुरू होगी। इस मामले में सीबीआई ने 11 अक्टूबर को जांच शुरू की थी। पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत करीब 55 लोगों से पूछताछ की गई थी। 55 लोगों से पूछताछ के बाद सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है। हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती से हुई दरिंदगी के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी एसटी ऐक्ट कोर्ट में चारों आरोपियों के खिलाफ गवाही 2 मार्च से होगी।
चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर गैंगरेप और हत्या की धाराओं में आरोप तय हुए हैं। इन आरोपों की सीबीआई को साक्ष्य प्रस्तुत करना है तो बचाव पक्ष उस पर बहस करेंगे। आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुण्डीर, हरीश शर्मा और लक्ष्मीकान्त सारस्वत कोर्ट पहुंचे। कई घंटे तक अधिवक्ताओं ने आरोपियों के बचाव में अदालत में साक्ष्य पेश किये।। पीड़िता की ओर से भागीरथ सिंह सोलंकी और सीबीआई के वकील अनुराग मोदी मौजूद रहे। कई घंटे तक चली बहस के बाद चारों आरोपियों पर दाखिल आरोप पत्र के हिसाब से ही आरोप तय हो गए।
अदालत ने गैंगरेप, हत्या जैसी संगीन धाराओं में आरोपी माना है। सीबीआई ने चारों आरोपियों पर गैंगरेप और हत्या की धाराओं में चार्जशीट दाखिल कर रखी है और इन धाराओं में ही आरोप तय हो गये हैं। हाथरस मामले में सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों का गुजरात में ब्रेन मैपिंग टेस्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग कराया था। चारों आरोपियों ने अदालत में साक्ष्यों को लेकर सवाल पूछे जायेंगे।
14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। लड़की के साथ मारपीट भी की गई थी। गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने रात में ही पीड़ित का शव गांव लाकर परिवार की गैर मौजूदगी और गैर रजामंदी के अंतिम संस्कार कर दिया था। सीबीआई ने 11 अक्टूबर को जांच शुरू की थी। पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत करीब 55 लोगों से पूछताछ की गई थी।