पोस्ट ऑफिस की कई स्कीम हैं जो कम जमा राशि पर ज्यादा रिटर्न देती हैं. जमा राशि पर कोई खतरा भी नहीं है क्योंकि पोस्ट ऑफिस की योजनाएं सरकार समर्थित होती हैं. सरकार इसकी ब्याज दर भी तय करती है जिसके मुताबिक ग्राहकों को जमा राशि पर अच्छा-खासा ब्याज मिलता है और मूलधन ज्यों का त्यों बना रहता है. इन्हीं योजनाओं में एक है राष्ट्रीय बचत पत्र या नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट.
राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) रिटर्न के लिहाज से शानदार सेविंग स्कीम मानी जाती है. यह योजना 5 साल की होती है यानी कि इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है. इस स्कीम में 1 अप्रैल 2020 से ब्याज दर 6.8 परसेंट निर्धारित है. उदाहरण के लिए अगर 1 हजार रुपये जमा करते हैं तो 5 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद आपको 1389.49 रुपये प्राप्त होंगे. इस योजना के अंतर्गत खाता खोलते समय 1 हजार रुपये और अधिकतम जितना चाहें जमा कर सकते हैं. अधिकतम जमा राशि 1000 रुपये के मल्टीपल में होना चाहिए.
5 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मूलधन के साथ ब्याज जोड़ कर मिलता है. मान लीजिए आपने 5 लाख रुपये जमा किए. 5 साल पर यह जमा राशि 6,98,514 रुपये हो जाती है और 5 लाख की जमा राशि पर आपको लगभग दो लाख रुपये (1,98,514.45 रुपये) मिल जाते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि पांच साल आपका मूलधन जस क तस बना रहा लेकिन उस पर दो लाख रुपये का ब्याज बन गया. इस रिटर्न को सही मान सकते हैं. जमा राशि पर जोखिम का खतरा भी नहीं है क्योंकि यह पोस्ट ऑफिस की स्कीम है जिसे सरकार का समर्थन प्राप्त है.
एनएससी के फायदे
-एनएससी में छोटा निवेश भी किया जा सकता है. आप चाहें तो 100 रुपये से भी निवेश कर सकते हैं.
-एनएससी अपने अकाउंट होल्डर को गारंटी रिटर्न की सुविधा देता है. यह रेगुलर इनकम का स्रोत मुहैया करा सकता है.
-एनएससी स्कीम की मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है. पहले 10 साल का भी आता था लेकिन 2015 में इसे बंद कर दिया गया.
-जमा राशि मैच्योर होने पर अकाउंट होल्डर को पूरा पैसा लौटा दिया जाता है. एनएससी में मिलने वाले पैसे पर टीडीएस नहीं कटता.
-एनएससी की राशि को मैच्योर होने से पहले नहीं निकाल सकते. हालांकि इसमें जमा राशि के आधार पर लोन लेने की सुविधा मिलती है.
-एनएससी के तहत नॉमिनी बनाने की सुविधा मिलती है जिसमें परिवार के किसी सदस्य, यहां तक कि नाबालिग को भी नॉमिनी बना सकते हैं. अकाउंट होल्डर की दुर्भाग्यपूर्ण मौत होने पर नॉमिनी को जमा राशि दी जाती है.
गारंटी रिटर्न वाली योजना
राष्ट्रीय बचत खाते में रिटर्न की गारंटी है क्योंकि यह योजना सरकार समर्थित है. इस लिहाज से छोटे निवेशकों के लिए यह योजना एक वरदान के रूप में देखी जाती है. यह योजना उन लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करती है जो छोटी रकम जमा करना चाहते हैं. निम्न या मध्यम आय वर्ग के लिए इस योजना के कई फायदे हैं. इसमें टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है. इसमें 1.5 लाख रुपये की जमा राशि पर टैक्स छूट मिलती है. कम से कम 100 रुपये से जमा शुरू कर सकते हैं. इसकी ब्याज दर घटती-बढ़ती नहीं है बल्कि इसे 5 साल के लिए फिक्स किया जाता है. कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न पाने के लिए एनएससी को सही जरिया माना जाता है.
मूलधन पर टैक्स नहीं
जमा राशि मैच्योर होने पर कस्टमर कैश के रूप में पैसा पा सकता है या अपने बैंक अकाउंट में भी ट्रांसफर करा सकता है. अगर 5 साल पर राशि नहीं निकाली जाती है तो भी कोई खतरा नहीं क्योंकि उस कुल जमा राशि पर ब्याज जुड़ता जाता है. पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर जिस दर से ब्याज मिलता है, कुल जमा राशि पर दो साल के लिए उसी हिसाब से ब्याज जुड़ता जाएगा.
इस योजना में मूलधन पर ब्याज नहीं लगता लेकिन ब्याज के रूप में जो कमाी होती है, वह टैक्स के दायरे में आता है. उदाहरण के लिए, किसी ने एनएससी में 1 लाख रुपये जमा किया जिस पर 6.8 परसेंट के हिसाब से ब्याज मिलेगा. 5 साल में ब्याज के साथ 1.39,702.89 रुपये बनते हैं. पूरी राशि पर 39,702.89 रुपये का ब्याज मिला. अंत में जमाकर्ता के इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से ब्याज पर टैक्स जोड़ा जाता है.