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अब आपकी पुरानी गाड़ी पर केंद्र सरकार लगाने जा रही है ग्रीन टैक्स, जानिए क्या पड़ेगा असर

बजट से पहले आम आदमी टैक्स में छूट की उम्मीद जता रहा है, मगर राहत से पहले केंद्र सरकार ने हर प्रकार के वाहन पर ग्रीन टैक्स वसूलने का निर्णय लिया है। असल में, केंद्रीय परिवहन और सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने 8 साल से पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की अनुमति दे दी है। वैसे तो कुछ राज्यों में ग्रीन टैक्स पहले से ही वसूला जाता है। मगर अब केंद्र सरकार ने 8 साल से पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का निर्णय किया है। इस नियम को नोटिफाई करने से पहले केंद्र सरकार की तरफ से इस प्रस्ताव को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास भेजा दिया जाएगा। प्रस्ताव को अधिसूचित करने से पहले राज्यों से सलाह लेना होगा।

क्या होता है ‘ग्रीन टैक्स’?
सरकार का मानना है कि पुराने वाहनों से प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए प्रदूषण को कम करने के लिए उसपर जो खर्च होगा, उसका कुछ हिस्सा पुराने वाहनों से वसूला जाए। इसी कारण इस टैक्स को ‘ग्रीन टैक्स’ नाम दिया गया है। यही वजह है कि टैक्स वसूला जाएगा। इससे मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण में किया जाएगा। परिवहन मंत्रालय ने बताया कि ग्रीन टैक्स से मिलने वाले राजस्व का उपयोग प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार ट्रांसपोर्ट वाली गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स के 10 से 25 फीसदी की दर से लगेगा।

अत्यधिक प्रदूषित शहरों में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर सबसे ज्यादा ग्रीन टैक्स लगेगा। डीजल और पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों के लिए अलग-अलग ग्रीन टैक्स स्लैब बनाया जायेगा। हालांकि सीएनजी, एलपीजी, इथेनॉल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां पर ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। खेती-किसानी से जुड़े वाहनों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर को भी ग्रीन टैक्स से बाहर रखा जायेगा।

ऐसे वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स
यह टैक्स फिटनेस सर्टिफिकेट के रिनुअल के दौरान वसूला जाएगा। इसका मतलब है जो भी 8 साल पुराने वाहन हैं, उसके फिटनेस टेस्ट के दौरान अब ग्रीन टैक्स जोड़ा जाएगा। सरकारी अनुमान के अनुसार वाहनों से होने वाले प्रदूषण में 65-70 फीसद हिस्सेदारी कमर्शियल वाहनों की होती है। कुल वाहनों में कमर्शियल वाहनों की संख्या लगभग 5 फीसद है। वहीं निजी वाहनों पर 15 सालों के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू करते वक्त ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। सार्वजनिक परिवहन के वाहनों पर कम ग्रीन टैक्स लगेगा। इससे ये लाभ होगा कि लोग ग्रीन टैक्स के कारण नए और कम प्रदूषण वाले वाहन अपनाएंगे।