सरकार ने देश में ही बने 83 तेजस लड़ाकू विमानों (Tejas Fighter Jet) की खरीद को मंजूरी दे दी है इससे भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की मारक क्षमता में इजाफा हो जाएगा। दुश्मनों के हर गलत इरादे केवल पल भर में ही तबाह हो जाएंगे। पलक झपकते ही तेजस दुश्मनों को धूल चटाने के लिए पर्याप्त है। स्वदेशी रक्षा खरीद के तहत हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) से 48 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने 73 लड़ाकू तेजस विमान और 10 ट्रेनर विमान सरकार खरीदेगी। तेजस लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा विमान है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस ने इस सबसे बड़े ऐतिहासिक स्वदेशी रक्षा सौदे पर मुहर लगा दी है। तेजस की ताकत वायुसेना को मजबूत करेगी और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य के लिए भी यह गेम चेंजर साबित होगा।’
तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान होने के साथ साथ इसकी खासियत है कि इसमें एक साथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। तेजस मिनटों में दुश्मन को धूल चटा सकता है और इसकी तैनाती के बाद दुश्मन देश भारत से डरेगा। केवल यही नहीं तेजस का तेज चाहे हवा से हवा हो या जमीन से हवा या फिर पानी से जमीन कुल मिलाकर यह है कि पृथ्वी का कोई भी छोर हो यह दुश्मनोंं को पल भर में ही तबाह कर सकता है। इसकी खासियत है कि ये कम जगह से भी उड़ान भर सकता है।
यह एक सुपर सोनिक फाइटर जेट है, जो एक बार में 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें हवा में ईंधन भरा जा सकता है। इसमें जैमर-प्रोटक्शन तकनीक का प्रयोग किया गया है जिससे दुश्मन की सीमा के करीब उसका कम्युनिकेशन बंद हो जाएगा। तेजस को 42 फीसद कार्बन फाइबर, 43 फीसदी एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस 43.5 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊंचा है। इसका आकार छोटा है और ये काफी हल्का विमान है। तेजस की रफ्तार 2222 किमी प्रति घंटा है और यह अपने साथ 13500 किलोग्राम वजन ले जा सकता है।