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राज्यपाल की वजह से दांव पर लगी महाराष्ट्र की CM कुर्सी, तो PM मोदी को फोन कर उद्धव ठाकरे ने मांगी मदद!

कोरोना संकट के बीच उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामांकित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कैबिनेट को दो बार प्रस्ताव जारी किया जा चुका है. लेकिन इसके बाद भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से इस कोई फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में अब महाराष्ट्र की सीएम कुर्सी संकट में दिखाई दे रही है. यही कारण है कि राज्यपाल से उलझी कहानी को सुलझाने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे ने अब पीएम मोदी से इस बारे में फोन पर बातचीत की है. साथ ही राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर भी चर्चाएं की है.

हाल ही में सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को फोन करके उनसे महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बात की है. कहा ये भी जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से ये भी कहा है कि इस महत्वपूर्ण समय में राज्य में राजनीतिक अस्थिरता सही नहीं है. इससे राज्य में गलत संदेश जाएगा, जिससे बचने की जरूरत है. ऐसे में उद्धव ठाकरे को पीएम मोदी ने भी अपनी तरफ से आश्वासन दिया है कि वो जल्द ही इस मामले पर अपनी नजर दौड़ाएंगे.

जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे की जिस दौरान पीएम मोदी से बातचीत हुई उस समय उन्हें विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला. बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर राज्य कैबिनेट ने सोमवार शाम राज्यपाल को दूसरी बार प्रस्ताव भी भेजा था. इस प्रस्ताव में सीएम उद्धव ठाकरे को MLC के लिए मनोनीत करने की अपील भी की गई है. लेकिन अभी तक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार के प्रस्ताव पर किसी तरह का कोई जवाब या फिर फैसला नहीं सुनाया है.

आपको बता दें कि बीते साल 28 नवंबर, 2019 के दिन ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन इस समय वो विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. इसलिए संविधान की धारा 164 (4) के मुताबिक उद्धव ठाकरे का 6 महीने के अंदर राज्य के किसी भी सदन का सदस्य होना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि यदि उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी पर बने रहना है तो उन्हें 28 मई से पहले ही किसी विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है.

फिलहाल सी को ध्य़ान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने वाली विधान परिषद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम को राजभवन भेजा था. बावजूद इसके कि अभी तक राज्यपाल ने कोई फैसला नहीं लिया है. इन्हीं कारणों को देखते हुए महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट के आसार एक बार फिर नजर आ रहे हैं. ऐसे अब उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को फोन कर इस बारे में सारी बात की है मामले में हस्तक्षेप करने की अपील भी की है.