मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के दिग्गज नेता(Veteran leader) और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन(VS Achuthanandan) का 101 साल की उम्र में निधन (demise)हो गया है। जानकारी के मुताबिक त्रिवेंद्रम के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें लीं। साल 2006 से 2011 तक वह केरल के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें सादगी के लिए भी जाना जाता था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1946 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
23 जून को दिल का दौरा पड़ने के बाद अच्युतानंदन को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। केरल की राजनीति के कद्दावर नेता अच्युतानंदन उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। साल 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद सीपीआई (M) की स्थापना में उनकी अहम भूमिका थी। उन्होंने अपने जीवन में 10 चुनाव लड़े और सात में जीत हासिल की।
वीएस अच्युतानंदन ने एक ट्रेड यूनियन के जरिए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। उन्होंने ताड़ी निकालने वाले और खेती करने वाले मजदूरों के लिए बहुत काम किए। उनका पूरा नाम वेलिक्ककथु शंकरन अच्युतानंदन था। वह 15 साल तक केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। इसके अलावा 1985 से 2009 तक वह सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे।
क्यों जाना पड़ा था जेल
साल 1946 में पुन्नपरा-वायलार विद्रोह में वीएस अच्युतानंद सबसे आगे थे। इसके बाद उन्हें पांच साल जेल में काटने पड़े। जेल से बाहर आने के बाद भी वह कई सालों तक भूमिगत रहे। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1923 को अलपुझा में हुआ था। उन्होंने शुरुआती दिनों में अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए दर्जी की दुकान में काम किया। 80 साल के लंबे सियासी सफर में उन्हें वामदल के मुखर नेता के तौर पर जाना जाता था।