भारत (India) ने गुरुवार को नाटो चीफ (NATO chief) मार्क रूट (Mark Root) की रूस (Russia) के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 100% सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी को खारिज कर दिया. भारत ने कहा कि उसकी प्राथमिकता देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को सुरक्षित करना है. इस मामले पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (randhir jaiswal) ने कहा कि भारत की घरेलू जरूरतें वर्तमान बाजार परिदृश्य और भू-राजनीतिक स्थितियों पर निर्भर करती हैं. उन्होंने पश्चिमी देशों को दोहरा मापदंड अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी.
रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं और घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस प्रयास में, हम बाजार में उपलब्ध संसाधनों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं. हम इस मामले में किसी भी दोहरे मापदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करते हैं.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की यह कड़ी प्रतिक्रिया भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा नाटो चीफ मार्क रूट की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के बाद आई है. हरदीप पुरी ने कहा था कि भारत किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए तैयार है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने तेल और गैस जरूरतों के लिए किसी एक देश पर निर्भर ना होकर, कई देशों से आयात करता है. हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि रूस से भारत जितना तेल और गैस एक क्वार्टर में खरीदता है, यूरोप के देश उससे कहीं ज्यादा आधे दिन में खरीदते हैं.
ट्रंप ने पुतिन को दी सेकेंडरी सैंक्शन xकी चेतावनी
इस सप्ताह के आरंभ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी रूसी तेल खरीदने वाले देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि मास्को 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर पहुंचने में विफल रहता है तो उन्हें 100 प्रतिशत तक सेकेंडरी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है. नाटो सेक्रेटरी मार्क रूट ने बुधवार को ब्राजील, चीन और भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन्हें गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतना पड़ सकता है. रूट की यह टिप्पणी अमेरिकी सीनेटरों के साथ उनकी बैठक के ठीक बाद आई.
मार्क रूट ने भारत-चीन-ब्राजील को क्या कहा था?
रूट ने रूस के मुख्य व्यापारिक साझेदारों- भारत, ब्राजील और चीन – को चेतावनी दी है कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति समझौते को गंभीरता से नहीं लेते हैं तो उन्हें 100 प्रतिशत तक सेकेंडरी सैंक्शन का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, ‘यदि आप चीन के राष्ट्रपति हैं, भारत के प्रधानमंत्री हैं, या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, और आप रूस के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं तथा उनका तेल और गैस खरीदते हैं, तो आपको पता है: यदि मास्को में बैठा व्यक्ति शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेता है, तो मैं 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ लगा दूंगा.’ मार्क रूट ने तीनों देशों के नेताओं से पुतिन से शांति वार्ता के लिए सीधे आग्रह करने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता के प्रति गंभीर होना होगा, क्योंकि अन्यथा इसका ब्राजील, भारत और चीन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा.’