आलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) ने चार विकेट झटककर को भारत (India) को रविवार को यहां तीसरे टेस्ट मैच (Test Match) के चौथे दिन बेहतरीन स्थिति में पहुंचाया, लेकिन 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड (England) ने मेहमान टीम के स्टंप तक 58 रन तक चार विकेट चटका दिए। भारत अच्छी शुरूआत नहीं कर सका और दूसरे ही ओवर में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल खाता खोले बिना आउट हो गए। करुण नायर (14) और कप्तान शुभमन गिल (06) ब्रायडन कार्स का शिकार हुए। नाइटवॉचमैन आकाश दीप को बेन स्टोक्स के आउट करते ही स्टंप हो गया। मैच का पांचवां दिन रोमांचक होगा क्योंकि जीत के लिए भारत को 135 रन और इंग्लैंड को छह विकेट चाहिए। केएल राहुल (47 गेंद पर 33 रन) क्रीज पर मौजूद हैं। हालांकि, सवाल यह उठता है कि भारत का संकटमोचक कौन होगा? बाकी बचे खिलाड़ियों में सिर्फ ऋषभ पंत ही मुख्य बल्लेबाज हैं। इसके अलावा बाकी ऑलराउंडर्स या गेंदबाज हैं। टीम इंडिया को पंत से ही काफी उम्मीदें हैं और वह पहले भी मुश्किल परिस्थितियों से भारत को निकाल चुके हैं। गाबा जैसा करिश्मा वह एक बार फिर कर पाएंगे? यह देखने वाली बात होगी।
पंत ने अब तक किसी भी टेस्ट की चौथी पारी यानी टारगेट चेज करते हुए 17 टेस्ट में बल्लेबाजी की है। इसकी 11 पारियों में उन्होंने 51.77 की औसत से 466 रन बनाए हैं। इनमें तीन अर्धशतक और एक शतक शामिल है। चौथी पारी में बल्लेबाजी करते हुए वह 83.6 फीसद कंट्रोल के साथ बल्लेबाजी करते हैं। उनके अलावा मौजूदा लाइन अप में किसी अन्य बल्लेबाज का चौथी पारी में ऐसा रिकॉर्ड नहीं है। केएल राहुल का चौथी पारी में 26.42 का औसत है। उन्होंने 18 पारियों में 370* रन बनाए हैं। इनमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है, जबकि रवींद्र जडेजा ने चौथी पारी में 12 पारियों में 15.30 की औसत से 153 रन बनाए हैं। वॉशिंगटन सुंदर ने चौथी पारी में पांच पारियों में 15.00 की औसत से 60 रन बनाए हैं। वहीं, नीतीश ने अब तक चौथी पारी में एक ही बार बल्लेबाजी की है और उसमें एक रन बनाया है।
पंत से अच्छा औसत चौथी पारी में विराट कोहली और रोहित शर्मा का भी नहीं था। कोहली ने ऐसी 32 पारियों में 42.38 की औसत से 1102 रन बनाए। वहीं, रोहित ने ऐसी 22 पारियों में 27.22 की औसत से 490 रन बनाए थे। टीम इंडिया को पांचवें दिन सबसे ज्यादा उम्मीद पंत और राहुल की जोड़ी से होगी। इन्हें भारत को लक्ष्य के करीब ले ही जाना होगा। SENA देशों में (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) टेस्ट में 200 या इससे कम के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया का रिकॉर्ड शानदार है। उसने इस मैच से पहले 13 बार 200 या इससे काम के लक्ष्य को चेज किया है और नौ बार जीत हासिल की है। एक मैच में भारतीय टीम को हार मिली और तीन टेस्ट ड्रॉ रहे।
हालांकि, लॉर्ड्स में और इंग्लैंड में भारत का रन चेज उतना शानदार नहीं रहा है। टीम इंडिया ने लॉर्ड्स में सिर्फ तीन टेस्ट जीते हैं और इनमें से सिर्फ 1986 में स्कोर चेज किया था। तब कपिल देव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने 136 रन चेज किया था और पांच विकेट से मैच जीत था। कपिल देव प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। इंग्लैंड में भारत के सफल रन चेज की बात करें तो सिर्फ तीन मौके ऐसे आए हैं, जब टीम ने वहां सफल रन चेज किया है। लॉर्ड्स में 1986 में जीत के अलावा ओवल में 1971 में और नॉटिंघम में 2007 में भारत ने चौथी पारी में सफल चेज किया था। 1971 में ओवल में भारत ने 174 रन चेज किया (छह विकेट गंवाकर) और 2007 में नॉटिंघम (ट्रेंट ब्रिज) में भारत ने 73 रन चेज किया था। इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में दो बार 200 से कम के लक्ष्य को चौथी पारी में डिफेंड किया है। उसने ऐसा 2019 में आयरलैंड के खिलाफ और 1955 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था।