अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की चेतावनी दी। उन्होंने दावा किया कि इस समूह का गठन अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर की वैश्विक स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था। व्हाइट हाउस में अपनी कैबिनेट की छठी बैठक के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “जो देश ब्रिक्स का हिस्सा हैं, उन्हें 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा।”
उनका कहना था कि ब्रिक्स का उद्देश्य “हमें आर्थिक नुकसान पहुंचाना” और “डॉलर को वैश्विक मानक मुद्रा के रूप से हटाना” है। ट्रंप ने आगे कहा, “अगर वे इस तरह का खेल खेलना चाहते हैं, तो मैं भी इसमें शामिल हो सकता हूं। ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों को 10 प्रतिशत शुल्क देना होगा, और यह जल्द ही लागू होगा।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि ब्रिक्स समूह “काफी हद तक कमजोर हो चुका है,” हालांकि कुछ देश अभी भी इसके सदस्य बने हुए हैं। उन्होंने कहा, “मेरे विचार से ब्रिक्स कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन वे डॉलर को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई दूसरा देश उसकी जगह ले सके। हम किसी भी कीमत पर डॉलर की वैश्विक मानक स्थिति को नहीं खोएंगे।”
उन्होंने जोर देकर कहा, “एक समझदार राष्ट्रपति के नेतृत्व में हम कभी भी यह स्थिति नहीं खोएंगे। अगर डॉलर विश्व की मानक मुद्रा नहीं रहा, तो यह एक बड़े विश्व युद्ध में हारने जैसा होगा। हम ऐसा होने नहीं देंगे। डॉलर सर्वोच्च है, और हम इसे हर हाल में बनाए रखेंगे।”
ट्रंप ने चेतावनी दी, “जो भी देश डॉलर की स्थिति को चुनौती देना चाहेंगे, वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी, और मुझे नहीं लगता कि कोई भी देश इसके लिए तैयार है।”
बता दें कि ब्रिक्स देशों—ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान—के नेता 6-7 जुलाई को ब्राजील में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे।