रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की मार से आगरा का मार्बल हैंडीक्राफ्ट जूझ ही रहा था कि अब ईरान और इस्राइल युद्ध ने इसे बदतर हाल में ला दिया है। 65 फीसदी से ज्यादा हस्तशिल्प की मांग घटी है। मार्बल हैंडीक्राफ्ट से जुड़े 35 हजार शिल्पकारों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है।
अमेरिका के टैरिफ के असमंजस से हस्तशिल्प निर्यातक जैसे-तैसे उबरे तो अब ईरान-इस्राइल युद्ध ने इसे संकट में ला दिया है। आगरा में 800 करोड़ रुपये का हस्तशिल्प कारोबार होता है। ईरान और इस्राइल के युद्ध के कारण पश्चिम एशिया और खाड़ी देशो के पर्यटकों में कमी आई है, जिसका असर हस्तशिल्प पर पड़ा है।
शिल्पकारों के घरों के चूल्हे पड़ रहे ठंडे
आगरा टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल के मुताबिक यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते यूरोप के ऑर्डर बंद हुए, फिर ट्रंप सरकार के टैरिफ ने अमेरिकी बाजार में मुश्किल खड़ी कर दी। अब ईरान-इस्राइल तनाव के कारण पर्यटक कम आ रहे हैं।
मार्बल हैंडीक्राफ्ट पूरी तरह से विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है, ऐसे में हस्तशिल्प कारोबार में 65 फीसदी की कमी आई है, इसका असर शिल्पकारों पर पड़ रहा है, जिनके घरों के चूल्हे ठंडे पड़ रहे हैं।
और बिगड़ सकते हैं हालात
हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अस्थाना के मुताबिक हस्तशिल्प उद्योग के लिए हालात और बिगड़ सकते हैं। यदि पश्चिम एशिया में युद्ध लंबा खिंच गया तो इसका निर्यात पर विपरीत असर पड़ेगा।