ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत किस कदर बिगड़ी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बातचीत की गुहार लगा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका से सिफारिश की है कि वह भारत से वार्ता कराने में मदद करे।
पाकिस्तानी सरकारी टेलीविजन पर जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान भारत से वार्ता करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, सिंधु जल संधि, व्यापार और आतंकवाद जैसे सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ सार्थक संवाद चाहता है। पाक सरकारी मीडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस बातचीत से जुड़ा वीडियो भी साझा किया है।
अमेरिका को दिया संघर्षविराम का श्रेय
पाक सरकार के बयान में कहा गया कि यह बातचीत गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। इस दौरान शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दीं और उनके “साहसिक नेतृत्व” की सराहना की। उन्होंने विदेश मंत्री रुबियो की सक्रिय कूटनीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत-पाक के बीच संघर्षविराम समझौते तक पहुंचने में अमेरिका की अहम भूमिका रही है।
भारत ने दो टूक कहा—केवल POK और आतंकवाद पर होगी बात
हालांकि, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह पाकिस्तान से केवल दो ही मुद्दों पर बातचीत करेगा—पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंकवाद। भारत की नीति रही है कि शेष मामलों पर तब तक चर्चा नहीं हो सकती जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
ईरान-इजराइल संकट पर भी हुई चर्चा
प्रधानमंत्री शरीफ ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान पश्चिम एशिया, खासकर ईरान-इजराइल संकट पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस गंभीर अंतरराष्ट्रीय संकट का हल केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए।