झारखंड के हजारीबाग में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 4000 किलोग्राम नकली पनीर जब्तकिया है। यह पनीर दो बसों में नगवां टोल प्लाजा से गुजर रहा था और इसे बिहार के बख्तियारपुर और मनेर से लाकर रांची, हजारीबाग और रामगढ़में सप्लाई किया जाना था। अधिकारियों ने इसे सेहत के लिए अत्यंत खतरनाक बताते हुए तुरंत नष्ट कर दिया। पनीर में जहरीले और सिंथेटिक रसायनों की मौजूदगी से फूड पॉइजनिंग, एलर्जी और कैंसर तक का खतरा बताया गया है।
नकली पनीर से होने वाले खतरनाक नुकसान
नकली पनीर न केवल हमारी थाली में बल्कि सीधे हमारे शरीर पर हमला करता है। इसमें मिले जहरीले पदार्थों से हो सकती हैं ये समस्याएं:
- तेज़ पेट दर्द, दस्त और उल्टी
- गैस्ट्रिक और पाचन संबंधित गड़बड़ी
- स्किन एलर्जी और सांस लेने में दिक्कत
- किडनी फेल होने का खतरा
- फूड पॉइजनिंग और इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ना
- लंबे समय तक सेवन से कैंसर तक की आशंका
कैसे बनता है ये ‘जहरीला पनीर’?
इस तरह के नकली पनीर को सिंथेटिक पनीर कहा जाता है, जिसे बनाने में निम्न खतरनाक चीजें मिलाई जाती हैं:
- दूध में मिलाया जाता है बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट)
- वनस्पति तेल या पाम ऑयल डाला जाता है।
- मैदा, डिटर्जेंट और यूरिया जैसे रसायन मिलाए जाते हैं।
- कभी-कभी कोलतार डाई और सल्फ्यूरिक एसिड का भी उपयोग।
- गंदे पानी से जमे इस पनीर को पॉलिथीन में पैक कर बाजार में बेचा जाता है।