इंडियन आर्मी की गोरखा रेजीमेंट में सेनानायक पीयूष सिंह (35) को गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनका 29 अप्रैल को बंगलुरू में हृदयगति रुकने से निधन हो गया था। जानकारी के मुताबिक, पीयूष 29 अप्रैल की सुबह लगभग पांच बजे पीटी व्यायाम के लिए गए थे।
उसी दौरान उनको दिल का दौरा पड़ा। हालत बिगड़ते देख मौके पर साथी सैनिकों ने सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। गुरुवार की सुबह लगभग आठ बजे पीयूष का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव परसौंजा पहुंचा तो गांव में शोक पसर गया। इंडियन आर्मी के ऑफिसर, सैनिक व पहाड़ी थानाध्यक्ष रीता सिंह ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
इस मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण, परिवारीजन, सदर विधायक अनिल प्रधान, पूर्व सपा विधायक वीर सिंह पटेल, निर्भय सिंह पटेल, जब्बार पटेल, जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती आदि मौजूद रहीं। पीयूष सन् 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी शादी मध्यप्रदेश के रीवा जिले के परसिया निवासी राजबहादुर सिंह की बेटी नेहा के साथ शादी हुई थी। उनकी दो संतानें काव्या (8) व विदर्भ (4) हैं।
पीयूष की मौत से पिता कमलेश सिंह, मां उर्मिला सिंह, बड़े पापा संतराम सिंह, चाचा रामगोपाल सिंह, विजय सिंह, बद्री सिंह पटेल, संतोष सिंह, अभिमन्यु सिंह, छोटे भाई सुशांत सिंह, विकास सिंह, अमन सिंह, अंकुर सिंह (वायु सेना) आकाश सिंह, आनंद सिंह, प्रिंस सिंह आदि के साथ पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। मां उर्मिला सिंह, पत्नी नेहा सिंह का रो रो कर बुरा हाल हो गया। जब पत्नी नेहा ने पति के शव पर सिर रखकर विलाप किया और भारत मां की जय का उद्घोष किया तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू आ गए।