महाराष्ट्र और गुजरात के स्थापना दिवस के अवसर पर देश के शीर्ष नेताओं ने दोनों राज्यों के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन राज्यों की प्रगति की सराहना की और इन्हें देश की उन्नति में योगदान देने वाले महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
1960 में हुआ था दोनों राज्यों का गठन
महाराष्ट्र और गुजरात की स्थापना 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य के पुनर्गठन के बाद की गई थी। भाषाई आधार पर राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के अनुसार गुजराती और मराठी भाषी क्षेत्रों को अलग-अलग राज्यों में विभाजित किया गया था। यह दिन दोनों राज्यों के लिए गौरव और आत्मनिरीक्षण का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ का संदेश
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संदेश में गुजरात को महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमि बताते हुए कहा कि यह राज्य अपने नेतृत्व, लचीलापन और नवाचार की विरासत से पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। महाराष्ट्र को उन्होंने सामाजिक सुधारों, सांस्कृतिक जीवंतता और आर्थिक नेतृत्व की भूमि कहा और इसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने भारत के विकास में हमेशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसका गौरवशाली इतिहास, लोगों का साहस और संस्कृति इसे विशेष बनाते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र प्रगति का मजबूत स्तंभ है और अपने मूल्यों से भी जुड़ा हुआ है।
गुजरात के लिए विशेष सन्देश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि गुजरात ने अपनी विशिष्ट संस्कृति, उद्यमशीलता और गतिशीलता से एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने राज्य के लोगों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि राज्य लगातार प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
समापन
महाराष्ट्र और गुजरात न केवल भारत के आर्थिक और औद्योगिक शक्ति केंद्र हैं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत भी भारत की पहचान को समृद्ध करती है। स्थापना दिवस के अवसर पर नेताओं की शुभकामनाएं इन राज्यों के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का प्रतीक हैं।