पंजाब में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) के तहत लाभ लेने के लिए अब लोगों को राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड से ही राशन मिलेगा।
पंजाब सरकार 40 लाख लाभार्थियों के चिप आधारित स्मार्ट कार्ड बना रही है, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पीओएस मशीन पर टच करते ही लाभार्थी परिवार की पूरी डिटेल निकल आएगी और उसे राशन जारी कर दिया जाएगा। विभाग ने इस नए सिस्टम के लिए 14,400 पीओएस मशीनों की भी व्यवस्था कर दी है।
इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने में मदद मिलेगी, वहीं वितरण प्रक्रिया में तेजी भी आएगी। इसी तरह फर्जी लाभार्थियों की निशानदेही करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि विभाग के पास रियल टाइम डाटा अपडेट रहेगा। प्रदेश में 14 हजार डिपो होल्डर हैं और इनसे 40 लाख परिवारों को एनएफएसए के तहत राशन जारी किया जाता है। प्रत्येक लाभार्थी परिवार के एक सदस्य को 5 किलो गेहूं प्रति माह जारी किया जाता है। अगर परिवार में चार सदस्य हैं तो तीन महीने का 60 किलो गेहूं लाभार्थी परिवार को जारी किया जाता है। तीन महीने का गेहूं एक साथ ही दिया जाता है। जैसे अब अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए जारी किया जाएगा।
फिलहाल मौजूदा सिस्टम के तहत लाभार्थी के लिए राशन कार्ड लाना अनिवार्य होता है। इसके अलावा उसे अपना आधार कार्ड भी दिखाना होता है, जिसके बाद अगूंठा लगाकर संबंधित डिपो से उसे राशन जारी किया जाता है। इसमें काफी समय भी लगता है। नए सिस्टम से यह पुरानी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और लाभार्थियों की परेशानी भी दूर होगी।
स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए हायर की जा रही एजेंसी
प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ से इस काम के लिए एजेंसी हायर की जा रही है। एजेंसी की तरफ से 40 लाख स्मार्ट कार्ड बनाने व उनकी डिलीवरी का पूरा किया जाएगा। इस संबंध में विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) भी जारी कर दिया है। एजेंसी फाइनल करते ही कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इनके संचालन व देखरेख का काम भी संबंधित एजेंसी की तरफ से ही किया जाएगा। इस सिस्टम से लाभार्थियों का पूरा डाटा ऑनलाइन रहेगा। इसमें फर्जी लाभार्थियों की तुरंत पहचान की जा सकेगी। इसके अलावा डिपो होल्डरों की तरफ से भी अगर किसी भी तरह कोई धांधली की जाएगी, वह ऑनलाइन सिस्टम के कारण विभाग की पकड़ में आ जाएगी।
33 प्रतिशत कार्ड छह सप्ताह के अंदर होंगे तैयार
विभाग की तरफ से जारी स्पष्ट किया गया है कि छह सप्ताह के अंदर 33 प्रतिशत कार्ड तैयार हो जाएंगे और लोगों को इनकी डिलीवरी भी कर दी जाएगी। इसी तरह 66 प्रतिशत कार्ड 9 सप्ताह के अंदर तैयार करके डिलीवर किए जाएंगे। पूरे 100 प्रतिशत कार्ड 12 सप्ताह के अंदर लाभार्थियों को प्रदान कर दिए जाएंगे।