अपने बेबाक अंदाज और तुरंत फैसले ले के लिए जाने और पहचाने जाने वाले हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने अपने मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले बयान को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अनिल विज ने अपने बयान के राजनीतिक मायने बताने के साथ ही हरियाणा में तीसरी बार बीजेपी सरकार बनने के राज का भी खुलासा किया। इसके साथ ही विज ने कांग्रेस पर भी जमकर प्रहार किया और उनकी ओर से ईवीएम पर लगाए जा रहे आरोपों की सच्चाई को भी उजागर किया।
‘हम भी राजनीतिक पंडित हैं’
हरियाणा के चुनावी परिणामों को लेकर अनिल विज ने कहा कि उन्हें एक दिन भी नहीं लगा कि कांग्रेस की सरकार आएगी, क्योंकि वह लोगों की नब्ज जानते हैं। लोगों के बीच में रहते हैं। विज ने कहा कि वह जहां भी प्रचार के लिए गए और एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद जब कार्यकर्ता हतोत्साहित होने लगे थे। एग्जिट पोल में कांग्रेस की 70 और बीजेपी की 18 से 20 सीट दिखाई जा रही थी, उस समय भी उन्होंने यहीं कहा था कि चाहे ये लोग कुछ बताए पर हरियाणा तीसरी बार सरकार भारतीय जनता पार्टी ही बनाएगी, वह भी बिना किसी समर्थन के। अब पोलिंग के बाद जब रुझान आए तो कांग्रेस का ऑफिस सज गया, बग्गियां आ गई।
लड्डू बंट रहे थे, जलेबियां किसी कारण से नहीं आ सकी, उस दिन राहुल गांधी देर से उठा होगा, उसकी फैक्ट्री चालू नहीं हुई थी। इसलिए जलेबियों की खेप नहीं आई, लेकिन सब श्रेय लेने के लिए सबसे आगे थे। हुड्डा कह रहे थे मेरी नीति ने कमाल कर दिया, लेकिन हमें पता था, क्योंकि हम भी राजनीतिक पंडित हैं। सारी जिंदगी राजनीति में लगाई है। मैं लोगों के बीच बैठकर राजनीति करता हूं। लोगों की नब्ज जानता हूं। इसलिए मेरा मन एक दिन भी नहीं डोला, नतीजे कुछ आए हो किसी तरफ जा रहे हो, हमने कहा हम जीतेंगे और जो मैने कहा था, नतीजे वहीं निकले।
‘हमारे सैनिक बैरक में नहीं जाते’
अनिल विज ने कहा कि बीजेपी एक संगठनात्मक पार्टी है। बीजेपी के नेता और कार्य़कर्ता केवल चुनाव के समय ही इकट्ठा नहीं होते। हमारे सैनिक को बैरक में जाने का समय ही नहीं दिया जाता। उन्हें हर समय किसी ना किसी काम में लगाकार रखा जाता है। चुनाव से पहले ही हमारे कार्यकर्ता तैयार थे और पूरी योजनाबद्ध तरीके से तैयारी थी। मैने भी अब 8वीं बार जीतने की तैयारी शुरू कर दी है।
‘हलके के कारण नहीं बना था मंत्री’
नायब सैनी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने को लेकर अनिल विज ने कहा कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी खुद को (अनिल विज को) मंत्री पद से मुक्त करने का आग्रह किया था, क्योंकि वह एक विधायक के रूप में अपने इलाके की जनता के बीच रहकर उनके काम करना चाहते थे, लेकिन उस समय उनकी बात नहीं सुनी गई। जब मंत्रिमंडल भंग करके नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो वह खुद ही मंत्री नहीं बने, क्योंकि वह अपने इलाके के लोगों के काम करना चाहते थे।
‘मुख्यमंत्री के पद पर कभी दावा औऱ क्लेम नहीं किया’
पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले बयान पर अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में जब मनोहर लाल को मख्यमंत्री बनाया गया, उस समय भी वह सबसे सीनियर थे। 2005 से 2009 के प्लान में वह विधायक दल के नेता थे। कांग्रेस के सभी भ्रष्टाचार के केस उन्होंने लड़े। उनके सभी मुद्दों को उन्होंने उठाया, जो राष्ट्रीय स्तर तक गए। उस समय भी उन्होंने किसी पद के लिए क्लेम नहीं किया था। जब मुख्यमंत्री की अदला-बदली हुई और नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया, जो काफी जूनियर थे, तो कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा चली कि अनिल विज क्यों नहीं ? इस पर उनके अधिकारियों ने कहा कि अनिल विज खुद ही बनना नहीं चाहते। इसलिए कार्यकर्ताओं को अपनी बात समझाने के लिए कोई दावा और क्लेम किए बिना उन्होंने कहा कि यदि पार्टी जिम्मेदारी देती है तो वह उसे निभाएंगे और हरियाणा की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे।
‘बयान के बाद बढ़ने लगी सीट’
मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले बयान को लेकर अनिल विज ने कहा कि जिस समय उन्होंने यह बयान दिया था, उसके बाद एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उसके बाद से हरियाणा में एक हवा बन गई है। पूरे हरियाणा में जो एजेंसियां सर्वे कर रही है, उनके सर्वे रोज बढ़ने शुरू हो गए। एक नेता ने फोन कर कहा कि अनिल विज जी वह मुख्यमंत्री वाला बयान, इस पर वह अपना स्पष्टीकरण देने लगे तो उस नेता ने कहा कि आपने बहुत बढ़िया किया है। आपके बयान के बाद से पार्टी की सीट बढ़नी शुरू हो गई है। पहले चर्चा हो रही थी कि कांग्रेस की सरकार बन रही है। अब चर्चा शुरू हो गई कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? और मुख्यमंत्री तभी बनेगा, जब बीजेपी की सरकार बनेगी। ऐसे में उस बयान के बाद चर्चा और लाइन दोनों ही चेंज हो गई।
‘हरियाणा में कांग्रेस नाम की कोई पार्टी नहीं’
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए अनिल विज ने कहा कि चुनाव प्रचार में हुड्डा और सैलजा के हाथ मिलवाकर राहुल गांधी ने लोगों की बात को सच सिद्ध कर दिया कि कहीं कोई गड़बड़ है, जो जबरदस्ती हाथ मिलवाएं हैं, लेकिन वह मिलने के बाद फिर अलग हो गए। हरियाणा में तो कांग्रेस नम की कोई पार्टी नहीं है। यह एक अलग-अलग धड़ों का समूह है, जो चुनाव के समय एक-दूसरे के नजदीक आ गए। इस पार्टी में 16 साल से चुनाव नहीं हुए। इस पार्टी (कांग्रेस) का एक भी चुनाव हुआ प्रतिनिधि नहीं है। चुनाव आयोग तो हरियाणा में इसकी मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। जिस पार्टी में खुद में प्रजातंत्र नहीं है, वह देश के प्रजातंत्र की भी रक्षा नहीं कर सकती।
‘संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार करना ही कांग्रेस का काम’
विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग से की गई शिकायत पर अनिल विज ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के ट्रेनिंग स्कूल के हैडमास्टर है। वहां यह सिखाया जाता है कि देश की संवैधानिक संस्थाओं का निरादर करो, क्योंकि हमारा (देश का) लोकतंत्र इन संवैधानिक संस्थाओं पर खड़ा है। इसलिए कांग्रेस इन पर प्रहार करती है। जब चुनाव हारते हैं तो रोना शुरू कर देते हा। जम्मू-कश्मीर में चुनाव सही हुए हरियाणा में हार गए तो कहा ईवीएम खराब है। सुबह जब ट्रेंड आए तो उस समय भंगड़े डाल रहे थे। उस समय भी वहीं चुनाव आयोग था और शाम को भी वहीं था, लेकिन शाम तक चुनाव आयोग को ही गालियां देने लग गए।
‘हरियाणा नहीं पंजाब की जमीन पर बैठे हैं किसान’
चुनाव के समय में किसान आंदोलन को कांग्रेस की ओर से मुद्दा बनाए जाने के सवाल पर विज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के बूथ पर भी जीती है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में लोगों की मांगे होती है। किसानों की भी मांगे होगी, मांगों को उठाया भी जाता है, लेकिन सभी उससे सहमत हो, यह जरूरी नहीं। उन्होंने कहा कि किसान हरियाणा की नहीं, बल्कि पंजाब की जमीन पर बैठे हैं। वहां पर सरकार हुड्डा और केजरीवाल की है। इसलिए उन्हें उनके पास जाकर उन्हें मनाना चाहिए, लेकिन हुड्डा, पंजाब का सीएम और केजरीवाल कोई भी एक बार उनके पास नहीं गया, क्योंकि वह लोग उन्हें वहां बैठाकर रखना चाहते हैं। विज ने सलाह देते हुए कहा कि दूसरों के कंधों पर रखकर बंदूक चलाना अच्छी बात नहीं है। बंदूक चलानी है तो अपने कंधे पर रखकर चलाओं, फिर पता चलेगा।
‘खिलाड़ियों को सबसे बड़ा ईनाम दिया’
कांग्रेस की ओर से चुनाव के समय में उठाए गए खिलाड़ियों के मुद्दे पर अनिल विज ने कहा कि खिलाड़ियों की कोई समस्या हो सकती है, जो उनके हलके तक ही सीमित हो। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ही खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा सुविधा दी है। ओलंपिक जीतने पर 6 करोड़ का सबसे बड़ा ईनाम उन्होंने खुद दिया है।
‘तंवर एक प्रवासी पक्षी’
बीजेपी के पक्ष में प्रचार करते हु अशोक तंवर के अचानक कांग्रेस में शामिल होने पर अनिल विज ने कहा कि अशोक तंवर एख प्रवासी पक्षी है। एक डाल से दूसरी डाल और दूसरी डाल से तीसरी डाल पर फूदकना उसकी आदत है, लेकिन यह गलती लेने और देने वालों की है।